Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

पौष अमावस्या पर स्नान और दान के सही नियम, शुभ मुहूर्त और विधि जानिए

पौष अमावस्या पर स्नान और दान के सही नियम, शुभ मुहूर्त और विधि जानिए
शुक्रवार, 23 दिसंबर को पौष कृष्ण अमावस्या है। इस अमावस्या पर खास योग बन रहे हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार अमावस्या (Paush Amavasya 2022) के दिन व्यक्ति को अपने सामर्थ्यनुसार दान, पुण्य तथा मंत्र जाप करने चाहिए।


यदि कोई तीर्थस्थान पर नहीं जा पा रहा है, तो वह अपने घर में ही प्रात:काल दैनिक कर्मों से निवृत्त होकर तथा स्नान के समय पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें तथा पुण्यकारी कार्य करते हुए मंत्रों को जपें, इससे भी लाभ प्राप्त होता है। 
 
पौष अमावस्या स्नान-दान के नियम-Paush Amavasya Ke Niyam
 
1. पौष अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान से पहले व्रत का संकल्प लें। 
 
2. फिर ब्रह्म मुहूर्त में गंगा नदी, सरोवर तट या पवित्र कुंड में स्नान करें।
 
3. स्नान के पश्चात साफ और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
 
4. एक तांबे के लोटे में जल भरकर काले तिल मिलाकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें। 
 
5. सूर्य अर्घ्य के बाद मंत्रों का जप और अपने सामर्थ्यनुसार दान करें।
 
6. आज के दिन गायत्री मंत्र का जाप या मंत्रोच्चारण के साथ या श्रद्धा, भक्तिपूर्वक दान करना चाहिए।
 
7. अमावस्या के दिन ईश्वर की भक्ति में लीन रहते हुए अपना आचरण शुद्ध रखें।
 
8. यदि संभव हो दिनभर मौन व्रत धारण करके व्रत रखें। 
 
9. कोई भी रोग होने पर गुड़ व आटा दान करें।
 
10. अमावस्या के दिन गुस्सा करने से बचें, अपशब्दों का प्रयोग न करें, वाद-विवाद तथा नशा न करें।
 
11. इस दिन छाता, वस्त्र, बिस्तर, गाय, सोना या अन्य उपयोगी सामग्री का सामर्थ्यनुसार दान करें। 
 
पौष अमावस्या के मुहूर्त 2022-Paush Amavasya Muhurat 
 
शुक्रवार, 23 दिसंबर 2022, पौष अमावस्या
अमावस्या का प्रारंभ- गुरुवार, 22 दिसंबर को 07.13 पी एम से, शुक्रवार, 23 दिसंबर को 03:46 पी एम पर पौष अमावस्या का समापन। 
स्नान-दान के मुहूर्त- गंड योग- सुबह से दोपहर 01.42 मिनट तक। 
लाभ- सुबह 08.28 से सुबह 09.45 मिनट तक।
अमृत/सर्वोत्तम- सुबह 09.45 से 11.03 मिनट तक।
 
पूजा विधि-Puja Vidhi 2022
 
- अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर घर की साफ-सफाई करें। 
 
- अमावस्या के दिन मौन रहकर व्रत-उपवास रखें। 
 
- नहाने से पूर्व जल को सिर पर लगाकर प्रणाम करें। 
 
- गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें, साफ वस्त्र पहनें।

 
- सूर्यदेव को काले तिल डालकर जल का अर्घ्य अर्पित करें। 
 
- इस दिन पितरों का पूजन करने का विधान है, इससे पितृ प्रसन्न होकर वरदान और आशीष देते हैं। 
 
- अगर नदी या सरोवर तट पर स्नान कर रहे हैं तो तिल मिश्रित जलधारा प्रवाहित करें। 
 
- फल, फूल, धूप, दीपक, अगरबत्ती आदि चीजों से भगवान श्री विष्णु जी का पूजन करें। 
 
- पूजन के बाद गरीबों या ब्राह्मणों को भोजन कराएं, तत्पश्चात स्वयं भोजन ग्रहण करें। 
 
- आज के दिन अपने सामर्थ्यनुसार भक्तिपूर्वक दान अवश्‍य करें।

अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इनसे संबंधित किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

webdunia

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

23 दिसंबर 2022: इन 5 राशियों के लिए लाभदायक रहेगा शुक्रवार का दिन, पढ़ें अपना दैनिक भविष्यफल