Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

महालक्ष्मी पर्व 2020 : जानिए Mahalaxmi Vrat का महत्व, कथा एवं भोग

Webdunia
Mahalaxmi Vrat 2020
 
महाराष्ट्रीयन परिवारों में खास माना जाने वाला महालक्ष्मी व्रत प्रारंभ हो रहा है। कई स्थानों पर प्रतिवर्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी से भी महालक्ष्मी व्रत का प्रारंभ होता है, जो 16 दिनों तक चलता है। इस दिन राधाष्टमी भी है। हर वर्ष श्री राधाष्टमी से ही महालक्ष्मी व्रत का प्रारंभ होता है।

मत-मतांतर के चलते श्री महालक्ष्मी व्रत कई स्थानों पर 25 अगस्त या 26 अगस्त से शुरू होगा। शास्त्रों में इस व्रत का विशेष महत्व बताया गया है। कहा गया है कि इस व्रत को रखने से व्रती की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। 
 
कई महाराष्ट्रीयन घरों में यह पर्व 3 दिन का ही मनाया जाता है, जिसे तीन दिवसीय महालक्ष्मी पर्व के नाम से जाना जाता है। कई स्थानों पर यह पर्व 8 दिन तो कई जगहों पर 16 दिन तक मनाया जाता है। इसमें खास कर मां गौरी यानी पार्वती और देवी मां लक्ष्मी का पूजन किया जाता है। 
 
मां महालक्ष्मी का यह पर्व सुख-संपन्नता देने वाला माना गया है। इस पर्व के तहत महाराष्ट्रीयन परिवार में 'महालक्ष्मी आली घरात सोन्याच्या पायानी, भर भराटी घेऊन आली, सर्वसमृद्धि घेऊन आली' ऐसी पंक्तियों के साथ महालक्ष्मी की अगवानी की जाती है। 
 
माता लक्ष्मी अपने परिवार के साथ हमारे घर में आएं। घरों में सुख-संपन्नता और सदैव लक्ष्मी का वास हो, कुछ ऐसी ही मनोकामना के साथ महाराष्ट्रीयन परिवार 3 दिवसीय महालक्ष्मी उत्सव का आयोजन करते हैं। इन परिवारों में यह परंपरा कई पी़ढि़यों से चली आ रही है। महालक्ष्मी व्रत में घर को आकर्षक ढंग से सजाया जाता है और तीन दिनों तक विविध आयोजन किए जाते हैं।
 
छप्पन भोग- इस अवसर पर श्री महालक्ष्मी जी को छप्पन भोग लगाया जाता है। सोलह सब्जियों को एक साथ मिलाकर भोग लगाया जाता है। साथ ही ज्वार के आटे की अम्बिल और पूरन पोली का महाप्रसाद प्रमुख होता है। 56 भोगों में पुरणपोळी, सेवइयां, चावल की खीर, पातळभाजी, तिल्ली, खोपरा, खसखस तथा मूंगफली के दाने की चटनी, लड्डू, करंजी, मोदक, कुल्डई, पापड़, अरबी के पत्ते के भजिए आदि सामग्री का केले के पत्ते पर भोग लगाया जाएगा। 
 
परंपरानुसार ब्राह्मण, बटुकों व सुहागिनों को भोजन व प्रसाद का वितरण किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि माता लक्ष्मी की आराधना से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इन तीनों दिनों में महालक्ष्मी की प्रतिमा ज्येष्ठा व कनिष्का का विशेष श्रृंगार किया जाएगा।

Mahalaxmi Vrat 2020
 
जेठानी-देवरानी की कथा- ऐसी मान्यता है कि माता लक्ष्मी के जिस रूप की पूजा की जाती है वो जेठानी-देवरानी हैं। अपने दो बच्चों के साथ वो इन दिनों मायके आती हैं। मायके में आने पर तीन दिनों तक उनका भव्य स्वागत किया जाता है। पहले दिन स्थापना, दूसरे दिन भोग और तीसरे दिन हल्दी कुमकुम के साथ माता की विदाई। इसके साथ ही महाराष्ट्रीयन समाज में छह दिवसीय गणपति उत्सव की भी समाप्ति हो जाती है। महालक्ष्मीजी की बिदाई में दाल-चावल, सेवईं की खीर का भोग लगाया जाता है। आखिरी दिन महालक्ष्मी का विधिवत विसर्जन किया जाता है। 
 
कई स्थानों पर महालक्ष्मी उत्सव बेहद ही उत्साह और उम्दा तरीके से मनाया जाता है। महालक्ष्मी उत्सव के दौरान लक्ष्मी जी के पंडाल को आकर्षक तरीके से सजाया जाता है। महालक्ष्मी की पूजा फुलहरा बांधकर की जाती है। घरों में तरह-तरह के पकवान बनते हैं।

यह पूजा विशेष कर घर की बहुओं द्वारा की जाती है। महिलाएं साथ में मिलकर ढोलक-मंजीरों के साथ भजन-कीर्तन गाती हैं। कहा जाता है कि लक्ष्मी की इन मूर्तियों में कोई भी बदलाव तभी किया जा सकता है जब घर में कोई शादी हो या किसी बच्चे का जन्म हुआ हो। माता की प्रतिमाओं के अंदर गेहूं और चावल भरे जाते हैं, जो इस बात का प्रतीक है कि घर धन-धान्य से भरा-पूरा रहे। इसके साथ ही अधिकांश परिवारों द्वारा गणेशजी का विसर्जन भी किया जाता है।

ALSO READ: Mahalaxmi Vrat : महालक्ष्मी व्रतारंभ कब होगा, मराठी समाज के घर-घर विराजेंगी देवी

सम्बंधित जानकारी

सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

पढ़ाई में सफलता के दरवाजे खोल देगा ये रत्न, पहनने से पहले जानें ये जरूरी नियम

Yearly Horoscope 2025: नए वर्ष 2025 की सबसे शक्तिशाली राशि कौन सी है?

Astrology 2025: वर्ष 2025 में इन 4 राशियों का सितारा रहेगा बुलंदी पर, जानिए अचूक उपाय

बुध वृश्चिक में वक्री: 3 राशियों के बिगड़ जाएंगे आर्थिक हालात, नुकसान से बचकर रहें

ज्योतिष की नजर में क्यों है 2025 सबसे खतरनाक वर्ष?

सभी देखें

धर्म संसार

25 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

25 नवंबर 2024, सोमवार के शुभ मुहूर्त

Weekly Horoscope: साप्ताहिक राशिफल 25 नवंबर से 1 दिसंबर 2024, जानें इस बार क्या है खास

Saptahik Panchang : नवंबर 2024 के अंतिम सप्ताह के शुभ मुहूर्त, जानें 25-01 दिसंबर 2024 तक

Aaj Ka Rashifal: 12 राशियों के लिए कैसा रहेगा आज का दिन, पढ़ें 24 नवंबर का राशिफल

આગળનો લેખ
Show comments