Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

माघ पूर्णिमा 2020 : पूर्णिमा का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व जानकर हैरान हो जाएंगे

Webdunia
magh purnima 2020
 
9 फरवरी 2020 को माघ मास की पूर्णिमा है। पूर्णिमा के दिन स्नान और दान करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। यदि किसी की जन्मकुंडली में यदि चंद्रमा कमजोर है तो वह इस दिन उपाय करके चंद्रमा को मजबूत कर सकता है।
 
पूर्णिमा का वैज्ञानिक महत्व 
 
पूर्णिमा को वैज्ञानिक रूप से भी अधिक महत्व दिया जाता है क्योंकि पूर्णिमा के दिन चंद्रमा पानी को अपनी और खींचता है। मनुष्य के अंदर भी 70 प्रतिशत पानी की ही मात्रा होती है। अत: पूर्णिमा के दिन मनुष्य का स्वभाव कुछ हद तक परिवर्तित हो जाता है।
 
धार्मिक महत्व : पुराणों के अनुसार माघ पूर्णिमा के दिन देवी-देवताओं ने मानव रूप धारण कर गंगा में स्नान किया था। इस दिन घर में सत्यानारायण जी की कथा करना शुभ माना जाता है। पूर्णिमा के दिन चंद्रमा पूर्ण दिखाई देता है। इस दिन किसी भी पवित्र नदी में स्नान करने से सभी प्रकार के पाप कट जाते हैं। 
 
यदि कोई व्यक्ति किसी पवित्र नदी के पास नहीं जा सकता तो वह अपने नहाने के पानी में गंगाजल डालकर नहा सकता है। इससे भी स्नान का पूर्ण फल प्राप्त होगा। इस दिन पितरों का तर्पण करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। 
 
* पूर्णिमा के दिन भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस दिन आप चाहें तो सत्यानारयण की कथा भी कर सकते हैं। 
 
* इस दिन स्नान करने के बाद पितरों का तर्पण अवश्य करें और पूरे दिन का उपवास रखें। 
 
* इस दिन सूर्योदय से उपवास रख चंद्र दर्शन के बाद समाप्त किया जाता है। 
 
* पूर्णिमा के दिन दान का भी विशेष महत्व है। इसलिए अपने सामर्थ्य के अनुसार किसी निर्धन व्यक्ति या ब्राह्मण को दान अवश्य दें। 
 
* माघ मास की पूर्णिमा को माघ पूर्णिमा कहते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार 27 नक्षत्रों में एक मघा से माघ पूर्णिमा की उत्पत्ति हुई है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक माघ पूर्णिमा पर खुद भगवान विष्णु गंगाजल में वास करते हैं। इसलिए इस दिन गंगा स्नान का खास महत्व है। इस बार माघ पूर्णिमा 09 फरवरी को है। प्रयागराज में एक महीने तक चलने वाला कल्पवास का समापन भी माघ पूर्णिमा के दिन ही होता है।
 
* माघ पूर्णिमा पर सुबह स्नान के बाद भगवान विष्णु की पूजा करें। विष्णु की पूजा के बाद पितरों के निमित्त तर्पण करें। इसके बाद जरूरतमंदों को भोजन, कपड़े, कंबल, तिल, गुड़, घी, फल और अन्न आदि दान करें। इस दिन सोने और चांदी का भी दान शुभ माना गया है। इसके अलावा इस दिन गौ (गाय) दान करने से विशेष लाभ मिलता है। माघ पूर्णिमा पर व्रत रखना शुभ फलदायक माना गया है। अगर संभव ना हो तो संध्या फलाहार किया जा सकता है। व्रत के दौरान किसी पर गुस्सा करना शुभ नहीं माना गया है। इसके अलावा घरेलू कलह से भी बचना चाहिए। इस तरह माघ पूर्णिमा के व्रत को संयम से रखा जाए तो पुण्य फल प्राप्त होता है।

सम्बंधित जानकारी

सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Guru Pushya Nakshatra 2024: पुष्य नक्षत्र में क्या खरीदना चाहिए?

जानिए सोने में निवेश के क्या हैं फायदे, दिवाली पर अच्छे इन्वेस्टमेंट के साथ और भी हैं कारण

झाड़ू से क्या है माता लक्ष्मी का कनेक्शन, सही तरीके से झाड़ू ना लगाने से आता है आर्थिक संकट

30 को या 31 अक्टूबर 2024 को, कब है नरक चतुर्दशी और रूप चौदस का पर्व?

गुरु पुष्य योग में क्यों की जाती है खरीदारी, जानें महत्व और खास बातें

सभी देखें

धर्म संसार

25 अक्टूबर 2024 : आपका जन्मदिन

25 अक्टूबर 2024, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

Dhanteras Rashifal: धनतेरस पर बन रहे 5 दुर्लभ योग, इन राशियों को मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा

Rama ekadashi date time: रमा एकादशी कब है, क्या है इसका महत्व और कथा

Diwali Recipes : दिवाली स्नैक्स (दीपावली की 3 चटपटी नमकीन रेसिपी)

આગળનો લેખ
Show comments