Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

आपको असीम शक्ति और ऊर्जा से भर देंगे भगवान कार्तिकेय के मंत्र, स्कंद षष्ठी पर ऐसे करें पूजन...

आपको असीम शक्ति और ऊर्जा से भर देंगे भगवान कार्तिकेय के मंत्र, स्कंद षष्ठी पर ऐसे करें पूजन...
स्कंद षष्ठी पर करें भगवान कार्तिकेय का पूजन, पढ़ें ये मंत्रपुराणों में स्कंद षष्ठी का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान कार्तिकेय का पूजन करने का विधान है। धर्मग्रंथों के अनुसार शिव-पार्वती के पुत्र कार्तिकेय को युद्ध का देवता माना जाता है। कार्तिकेय को शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता हैं। दक्षिण भारत में उन्हें मुरुगन या अयप्पा नाम से जाना जाता है। 
 
ऐसे करें पूजन :- 
 
* स्कंद षष्ठी के दिन दैनिक कार्यों से निवृत्त होकर स्‍नान करने के बाद कार्तिकेय की स्थापना करें।
 
* भगवान को स्नान करा कर नए वस्त्र पहनाएं फिर पूजन करें, साथ में शिव-पार्वती की पूजा करें।
 
* भगवान कार्तिकेय के आगे अखंड दीपक जलाएं। 
 
* स्कंद षष्ठी के महात्म्य सुने अथवा पढ़ें, मंत्रों का जाप करें तथा कथा श्रवण करें।  
 
* फल, मिठाई का भोग लगा कर परिवारजनों को प्रसाद बांटें।
 
* ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करें।
 
* इस दिन मांस, शराब, प्याज, लहसुन आदि का त्याग करें। 
 
स्कंद षष्ठी भगवान कार्तिकेय को प्रसन्न करने के लिए निम्न मंत्रों का जाप करना चाहिए। कम से कम एक माला यानी 108 बार मंत्र जाप अवश्‍य करना चाहिए। अगर आप हर प्रकार के दुख एवं कष्टों का नाश चाहते हैं तो कार्तिकेय गायत्री मंत्र का पाठ करना चाहिए।
 
मंत्र- 'ॐ तत्पुरुषाय विद्‍महे: महा सैन्या धीमहि तन्नो स्कंदा प्रचोदयात' 
 
शत्रु नाश के लिए नीचे दिया गया मंत्र पढ़ने से शत्रुओं से मिलने वाली परेशानियों से मुक्ति मिलती है। 
 
मंत्र- ॐ शारवाना-भावाया नम: ज्ञानशक्तिधरा स्कंदा वल्लीईकल्याणा सुंदरा, देवसेना मन: कांता कार्तिकेया नामोस्तुते 
 
किसी भी कार्य में सफलता प्राप्ति के लिए करना चाहिए पढ़ें- 
 
मंत्र- सुब्रहमणयाया नम:।
 
इन मंत्रों का निरंतर जाप करने से जीवन की समस्त कठिनाइयां दूर होती है तथा जीवन में खुशहाली आ जाती है। भगवान कार्तिकेय का पूजन मनोकामना सिद्धि को पूर्ण करने में सहायक सिद्ध होता है।


- राजश्री कासलीवाल

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

30 अक्टूबर को स्कंद षष्ठी, भगवान कार्तिकेय के पूजन से होगा रोग, दुःख और दरिद्रता का निवारण