Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

Morai Chhath | आज ललिता षष्ठी, जानें क्यों मनाया जाता है भाद्रपद मास का मोरयाई छठ व्रत

WD Feature Desk
सोमवार, 9 सितम्बर 2024 (12:02 IST)
Lalita Shashthi
HIGHLIGHTS
 
* मोरयाई छठ व्रत के बारे में जानें। 
* मोरयाई छठ कब मनाई जाती है। 
* ललिता षष्ठी कब है। 

ALSO READ: स्कंद षष्ठी व्रत पर जानें पूजन के शुभ मुहूर्त, मंत्र, महत्व और विधि
 
Moryayi chath 2024 : हिन्दू पंचांग कैलेंडर के अनुसार, हर साल भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मोरयाई छठ या ललिता षष्ठी के रूप में मनाया जाता है। इसे अन्य नाम सूर्य षष्ठी, मोर छठ, मोरबाई छठ, मोहर छठ आदि से भी जाना जाता है। इस दिन सूर्यदेव की पूजा तथा व्रत किया जाता है। 
 
पंचांग के अनुसार वर्ष 2024 में दिन सोमवार, 09 सितंबर को मोरयाई छठ मनाई जाएगी। यह व्रत संतान प्राप्ति कराने वाला तथा संतान के जीवन को खुशहाल बनाने वाला माना गया है। पुराणों के मुताबिक आदिशक्ति त्रिपुरा सुंदरी मां ललिता सभी दस महाविद्याओं में से एक हैं। इस माता की दो भुजाएं हैं, वे गौर वर्ण और कमल पर विराजमान है, जिनकी उपासना भाद्रपद शुक्ल षष्ठी तिथि पर की जाती है। इतना ही नहीं यह व्रत नेत्र रोग तथा कुष्ठ रोग से मुक्ति देने वाला माना गया है।

इस दिन प्रातःकाल स्नान के बाद मां ललिता का श्रृंगार कर विधिवत पूजन करना चाहिए। तथा त्रिपुरा सुंदरी के साथ भगवान शिव जी, गौरा पार्वती, भगवान शालिग्राम और कार्तिकेय की भी आराधना इस दिन की जाती है। 

ALSO READ: Parivartini Ekadashi Vrat: परिवर्तिनी एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा? जानें इस व्रत का महत्व और फायदे
 
पूजन विधि : 
 
• भाद्रपद शुक्ल षष्ठी तिथि पर आदिशक्ति त्रिपुरा सुंदरी और मोरयाई छठ के दिन पूजन करने से पहले से भगवान शालिग्राम जी का विग्रह, कार्तिकेय का चित्र, शिव-गौरी की मूर्तियों सहित तांबे का लोटा, नारियल, कुमकुम, अक्षत, हल्दी, चंदन, अबीर, गुलाल, दीपक, घी, इत्र, पुष्प, दूध, जल, मौसमी फल, मेवा, मौली, आसन आदि सभी पूजन सामग्री एकत्रित कर लें। 
 
• सबसे पहले दैनिक कार्यों से निवृत्त होकर स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।  
 
• घर के ईशान कोण में पूर्व या उत्तर दिशा में मुख करके बैठकर पूजन करें। 
 
• ललिता षष्ठी व्रत के दिन षोडषोपचार विधि से मां ललिता का पूजन करें। 
 
• मां ललिता के साथ स्कंदमाता और शिव जी की पूजा करें। 
 
• इस दिन कई जगहों पर विष्णु जी, शिव जी और गौरी पार्वती का चंदन से पूजा का भी चलन है। 
 
• पूजन के दौरान मंत्र- 'ॐ ह्रीं षष्ठी देव्यै स्वाहा' से षष्ठी देवी का पूजन करें।   
 
• पूजन के बाद मालपुआ, खीर एवं मिठाई का भोग लगाकर प्रसाद वितरित करें। 
 
• अंत में माता का ध्यान करते हुए निम्न मंत्र का जाप करें। 
 
• मंत्र- 'ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौ: ॐ ह्रीं श्रीं क ए ई ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं सकल ह्रीं सौ: ऐं क्लीं ह्रीं श्रीं नम:।’ 
 
• अगर उपरोक्त मंत्र को पढ़ते समय कठिनाई महसूस हो रही हो तो आप नीचे लिखे मंत्र का जाप भी कर सकते हैं। 
 
• कम से कम 108 बार आज मंत्र- 'ॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्रिपुर सुंदरीयै नमः।।' का जाप करें। 
 
• अंत में ललिता माता की आरती करें। 
 
• इस दिन 'ॐ घृणि सूर्याय नमः' मंत्र का जाप अधिक से अधिक अवश्य करें।
 
• इस‍ दिन शिव चालीसा, ललिता चालीसा का पाठ करना उचित रहता है।
 
• पूजन के अंत में माता ललिता से संतान सुख की प्रार्थना करते हुए उन्हें प्रणाम करके अपनी मनोकामना कहकर उसे पूर्ण करने की विनती करें। 
 
• मान्यतानुसार माता के पूजन के अलावा इस दिन शादी की मोर का विसर्जन किया जाता है।
 
(Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

ALSO READ: September Weekly Horoscope: सितंबर में इन राशि वालों के लिए खुलेंगे तरक्की के दरवाजे, पढ़ें अपना साप्ताहिक राशिफल

सम्बंधित जानकारी

सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Guru Pushya Nakshatra 2024: पुष्य नक्षत्र में क्या खरीदना चाहिए?

जानिए सोने में निवेश के क्या हैं फायदे, दिवाली पर अच्छे इन्वेस्टमेंट के साथ और भी हैं कारण

झाड़ू से क्या है माता लक्ष्मी का कनेक्शन, सही तरीके से झाड़ू ना लगाने से आता है आर्थिक संकट

30 को या 31 अक्टूबर 2024 को, कब है नरक चतुर्दशी और रूप चौदस का पर्व?

गुरु पुष्य योग में क्यों की जाती है खरीदारी, जानें महत्व और खास बातें

सभी देखें

धर्म संसार

Diwali Muhurat Trading 2024: कब होगा शेयर बाजार में दिवाली का मुहूर्त ट्रेडिंग 31 अक्टूबर या 01 नवंबर, NSE ने किया स्पष्ट

24 अक्टूबर 2024 : आपका जन्मदिन

24 अक्टूबर 2024, गुरुवार के शुभ मुहूर्त

Dhanteras jhadu: धनतेरस पर कौन सी और कितनी झाड़ू खरीदें?

दीपावली पर कैसे पाएं परफेक्ट हेयरस्टाइल? जानें आसान और स्टाइलिश हेयर टिप्स

આગળનો લેખ
Show comments