Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

hariyali teej 2020 : हरियाली तीज पर ना करें 3 काम, 3 सौभाग्य श्रृंगार जरुर करें

Webdunia
लहरिया,श्रृंगार,मेंहदी, झूले और घेवर का सौंधा सा पर्व है हरियाली तीज.. इस दिन सुहागिन मेंहदी लगाकर झूलों पर सावन का आनंद मनाती हैं। हाथों पर हरी मेंहदी लगाना प्रकृति से जुड़ने की अनुभूति है यह सुख-समद्धि का प्रतीक भी है। वही मेंहदी जब लाल हो उठती है जो सुहाग, हर्षोल्लास एवं सौंदर्य का प्रतिनिधित्व करती है।
 
जिस लड़की के ब्याह के बाद पहला सावन आता है, उसे ससुराल में नहीं रखा जाता। इसका कारण यह भी था कि नवविवाहिता अपने मां बाप से ससुराल में आ रही कठिनाइयों, खटटे् मीठे अनुभवों को सखी सहेलियों के साथ बांट सके,और मन हल्का करने के अलावा कठिनाईयों का समाधान भी खोजा जा सके। 
 
नवविवाहित पुत्री की ससुराल से सिंगारा आता है, और ऐसी ही सामग्री का आदान प्रदान किया जाता है ताकि संबंध और मधुर हों और रिश्तेदारी प्रगाढ़ हो। इसमें उसके लिए साड़ियां, सौंदर्य प्रसाधन, सुहाग की चूड़ियां व संबंधित सामान के अलावा उसके भाई बहनों के लिए आयु के अनुसार कपड़े, मिष्ठान तथा उसकी आवश्यकतानुसार गिफ्ट भेजे जाते हैं।
 
तीज से एक दिन पहले मेंहदी लगा ली जाती है। तीज के दिन सुबह स्नानादि श्रृंगार करके, नए वस्त्र व आभूषण धारण करके गौरी की पूजा होती है। इसके लिए मिट्टी या अन्य धातु से बनी शिवजी-पार्वती व गणेश जी की, मूर्ति रख कर उन्हें वस्त्रादि पहना कर रोली, सिंदूर, अक्षत आदि से पूजन किया जाता है।
 
इसके बाद 8 पूरी, 6 पूओं से भोग लगाया जाता है। फिर यह बायना जिसमें चूड़ियां, श्रृंगार का सामान व साड़ी, मिठाई, दक्षिणा या शगुन राशि इत्यादि अपनी सास, जेठानी, या ननद को देते हुए चरण स्पर्श करती हैं। 
 
इसके बाद पारिवारिक भोजन किया जाता है। सामूहिक रुप से झूला झूलना, तीज मिलन, गीत संगीत, जलपान आदि किया जाता है।
 
कुल मिला कर यह पारिवारिक मिलन का सुअवसर होता है, इस दिन तीज पर तीन चीजें तजने का भी विधान है।
 
1. पति से छल कपट, 2 .झूठ और दुर्व्यवहार 3. परनिन्दा।
 
उसी तरह इस दिन 3 श्रृंगार का विशेष महत्व है.. मेंहदी, चूड़ियां और लहरिया साड़ी 
 
तीज पर ही माता गौरा विरह में तपकर शिव से मिली थी। ये तीन सूत्र सुखी पारिवारिक जीवन के आधार स्तंभ हैं, जो वर्तमान आधुनिक समय में और भी प्रासंगिक हो जाते हैं।

ALSO READ: Hariyali Teej katha : हरियाली श्रावणी तीज की प्रामाणिक कथा

सम्बंधित जानकारी

सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Dhanteras Rashifal: धनतेरस पर बन रहे 5 दुर्लभ योग, इन राशियों को मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा

Shopping for Diwali: दिवाली के लिए क्या क्या खरीदारी करें?

बहुत रोचक है आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि की उत्पत्ति की कथा, जानिए कौन हैं भगवान धन्वंतरि?

दिवाली की रात में करें ये 7 अचूक उपाय तो हो जाएंगे मालामाल, मिलेगी माता लक्ष्मी की कृपा

Dhanteras 2024: अकाल मृत्यु से बचने के लिए धनतेरस पर कितने, कहां और किस दिशा में जलाएं दीपक?

सभी देखें

धर्म संसार

27 अक्टूबर 2024 : आपका जन्मदिन

27 अक्टूबर 2024, रविवार के शुभ मुहूर्त

Kali chaudas 2024: नरक चतुर्दशी को क्यों कहते हैं भूत चतुर्दशी, किसकी होती है पूजा?

Bach Baras 2024: गोवत्स द्वादशी क्यों मनाते हैं, क्या कथा है?

गोवर्धन पूजा और अन्नकूट महोत्सव कैसे मनाया जाता है?

આગળનો લેખ
Show comments