Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

क्यों किया जाता है बहुला चौथ व्रत? कैसे करें व्रत-पूजन, जानिए सरल विधि

क्यों किया जाता है बहुला चौथ व्रत? कैसे करें व्रत-पूजन, जानिए सरल विधि
भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को बहुला चतुर्थी व्रत किया जाता है। इसे संकटनाशक चतुर्थी माना गया है। वर्ष 2018 में बहुला चौथ, (चतुर्थी) व्रत गुरुवार, 30 अगस्त को मनाया जा रहा है। इसी दिन संकष्टी गणेश चतुर्थी होने के कारण यह व्रत भी किया जाएगा। बहुला चतुर्थी व्रत में गौ-पूजन को बहुत महत्व दिया गया है। 
 
बहुला चौथ की पौराणिक मान्यता के अनुसार इस दिन माताएं कुम्हारों द्वारा मिट्टी से भगवान शिव-पार्वती, कार्तिकेय-श्रीगणेश तथा गाय की प्रतिमा बनवा कर मंत्रोच्चारण तथा विधि-विधान के साथ इसे स्थापित करके पूजा-अर्चना करने की मान्यता है। ऐसा माना जाता है कि इस तरह के पूजन से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती हैं। 
 
बहुला चतुर्थी (चौथ) तिथि को भगवान श्रीकृष्ण ने गौ-पूजा के दिन के रूप में मान्यता प्रदान की है। अत: इस दिन श्रीकष्‍ण भगवान का गौ माता का पूजन भी किया जाता है। 
 
कैसे करें बहुला चौथ का व्रत, आइए जानें :- 
 
* यह व्रत भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। 
 
* इस चतुर्थी को आम बोलचाल की भाषा में बहुला चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। 
 
* इस दिन चाय, कॉफी या दूध नहीं पीना चाहिए, क्योंकि यह दिन गौ-पूजन का होने से दूधयुक्त पेय पदार्थों को खाने-पीने से पाप लगता है, ऐसी मान्यता है। 
 
* जो व्यक्ति चतुर्थी को दिनभर व्रत रखकर शाम (संध्या) के समय भगवान कृष्‍ण, शिव परिवार तथा गाय-बछड़े की पूजा करता है उसे अपार धन तथा सभी तरह के ऐश्वर्य और संतान की चाह रखने वालों को संतान सुख की प्राप्ति होती है। 
 
* बहुला व्रत माताओं द्वारा अपने पुत्र की लंबी आयु की कामना के लिए रखा जाता है। 
 
इसके पीछे एक यह कथा भी प्रचलित है कि एक बार बहुला नामक गाय जंगल में चरते-चरते काफी दूर जा पहुंची, जहां एक शेर उसे खाने के लिए रोक लेता है। तब बहुला गाय द्वारा अपने भूखे बछड़े को दूध पिलाकर वापस आने की शेर से विनती करने पर शेर उसे छोड़ देता है। तब शेर द्वारा बहुला गाय को छोड़ने पर उसे शेर योनि से मुक्ति मिल जाती है तथा वह अपने पूर्व रूप अर्थात गंधर्व रूप में प्रकट होता है। 
 
इसीलिए इस दिन महिलाओं द्वारा दिनभर उपवास रखकर शिव परिवार की पूजा के साथ बहुला नामक गाय की पूजा भी की जाती है। 
 
* बहुला चौथ व्रत के संबंध में यह मान्यता है कि इस दिन गाय का दूध एवं उससे बनी हुई चीजों को नहीं खाना चाहिए। 
 
* इस व्रत को करने से शुभ फल प्राप्त होता है, घर-परिवार में सुख-शांति आती है एवं मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। 
 
* यह व्रत करने से परिवार और संतान पर आ रहे विघ्न संकट तथा सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं। 
 
* इतना ही नहीं यह व्रत जन्म-मरण की योनि से मुक्ति भी दिलाता है।

- राजश्री कासलीवाल


Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

क्या शुभ संदेश देता है जन्माष्टमी का पर्व, आप भी जानिए...