Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

‍प्रवासी साहित्य : करते हैं रुखसत...

पुष्पा परजिया
करते हैं रुखसत जमाने से 
जनाजे को कंधा दे देना 
 
आए थे खामोशी के संग 
जाते भी हैं खामोशी के संग 
 
यादें लिए और दिए जाते हैं बहुत-सी 
यादों में बसा लेना 
 
कभी कर लीं बातें मन की 
कभी बहला लिया दिल अपना 
 
कभी उदासियों ने पकड़ा दामन अपना
दोस्तों ने हंसा दिया कुछ कहकर 
 
अब थक गए हैं कदम इन राहों पर चल-चलकर
दिख रही हैं मंजिलें अंत की जब नजर आए दिन में सितारे 
 
धुंध-सी छा गईं आंखों में घूमते से नजर आए नजारे 
माफ करना दोस्तों यदि दिल दुखा हो किसी का मेरी तबीयत (वजह) से 
 
दूर न होना जरूर आना देने कंधा मेरी मैयत में 
अलविदा नहीं कहते दोस्तों कहलवाती है अलविदा ये हसरतें 
 
हुआ कभी फिर से मिलना तो गले से लगा लेना हमें।
 
सभी देखें

जरुर पढ़ें

धनतेरस सजावट : ऐसे करें घर को इन खूबसूरत चीजों से डेकोरेट, आयेगी फेस्टिवल वाली फीलिंग

Diwali 2024 : कम समय में खूबसूरत और क्रिएटिव रंगोली बनाने के लिए फॉलो करें ये शानदार हैक्स

फ्यूजन फैशन : इस दिवाली साड़ी से बने लहंगे के साथ करें अपने आउटफिट की खास तैयारियां

अपने बेटे को दीजिए ऐसे समृद्धशाली नाम जिनमें समाई है लक्ष्मी जी की कृपा

दिवाली पर कम मेहनत में चमकाएं काले पड़ चुके तांबे के बर्तन, आजमाएं ये 5 आसान ट्रिक्स

सभी देखें

नवीनतम

दिवाली के शुभ अवसर पर कैसे बनाएं नमकीन हेल्दी पोहा चिवड़ा, नोट करें रेसिपी

दीपावली पार्टी में दमकेंगी आपकी आंखें, इस फेस्टिव सीजन ट्राई करें ये आई मेकअप टिप्स

diwali food : Crispy चकली कैसे बनाएं, पढ़ें दिवाली रेसिपी में

फेस्टिवल ग्लो के लिए आसान घरेलू उपाय, दीपावली पर दें त्वचा को इंस्टेंट रिफ्रेशिंग लुक

क्या आपको भी दिवाली की लाइट्स से होता है सिरदर्द! जानें मेंटल स्ट्रेस से बचने के तरीके

આગળનો લેખ
Show comments