नवरात्रि तुरंत फलदायक पर्व है। कोई व्यक्ति यदि महाविद्याओं के मंत्रों को अपने शुभ गुप्त उद्देश्यों या इच्छाओं की प्राप्ति के लिए सच्चे मन से जप करता है तो उसकी सभी मनोकामनाएं शीघ्र पूरी होती है।
- नवरात्रि का जाना माना उपाय यह है कि मां दुर्गा और महाविद्याओं का स्मरण करते हुए एक स्वच्छ, नया, सुंदर सजा हुआ मिट्टी का घड़ा लें। उसमें सप्त धान के थोड़े से दाने, 1 रुपए का या चांदी का सिक्का डालें। फिर गंगा जल मिश्रित पानी उसमें भरें।
कलश के भीतर एक-एक सुपारी, पूजा बादाम और हल्दी की गांठ भी डालें। अब इस पानी पर बहुत कम कुमकुम, अबीर और चावल छिड़कें। अब इसें दीये से ढंक दें। दीये पर छोटा पूजा नारियल रखें। नारियल पर नाड़ा बांधें। इस कलश की विधिवत पंचोपचार पूजा करें।
मनोकामना पूरी करेगा कलश
कलश के सामने हाथ जोड़ कर, आंखें बंद कर प्रतिदिन की देवी और महाविद्या का स्मरण करें और अपनी मनोकामना मन ही मन देवी से व्यक्त करें। जब पूजन से उठें तो आसन को प्रणाम कर आसन साथ में उठाएं। ऐसा नौ दिन की नवरात्रि में प्रतिदिन करें।
अगर न कर सकें तो नवमी पर अवश्य करें। कलश का जल अपने ऊपर और पूरे घर में छिड़कें। बचा हुआ जल तुलसी, पीपल या किसी भी पवित्र पौधे में अर्पित करें। अगर संभव हो तो यह जल, नदी या स्वच्छ सरोवर में भी बहा सकते हैं। कलश की पूजा सामग्री में से सिक्का अपने पास रख लें, शेष सभी विसर्जित कर दें।