Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि में निशा पूजा क्या होती है, कैसे करते हैं?

Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि में निशा पूजा क्या होती है, कैसे करते हैं?

WD Feature Desk

, सोमवार, 15 अप्रैल 2024 (09:50 IST)
Chaitra Navratri 2024
 
HIGHLIGHTS
 
• नवरात्रि की निशा पूजा का महत्व।
• कब होती है महानिशा पूजा।
Nisha Puja 2024: 15 अप्रैल 2024, दिन सोमवार यानी आज चैत्र नवरात्रि का सातवां दिन है और यह तिथि देवी मां कालरात्रि को समर्पित की गई है। नवरात्रि के नौ दिनों में सभी भक्त माता दुर्गा की पूजा-आराधना और साधना करते हैं। 
 
क्या होती है निशा पूजा : धार्मिक ग्रंथों के अनुसार निशा का अर्थ होता है रात्रि काल। नवरात्रि के नौ दिनों में अष्टमी के दिन को खास माना जाता है। अष्टमी तिथि का प्रारंभ रात में होता है तो तब उस समय भी पूजा कर सकते हैं।
 
हालांकि सप्तमी की रात को निशीथ काल में निशा पूजा की जाती है। सप्तमी के रात में ही अष्टमी निशा पूजा होती हैं। उसी दिन रात में संधी पूजा भी की जाती है। संधि पूजा का मतलब होता है जब सप्तमी समाप्त होगी तब। 
 
कैसे करते हैं निशा पूजा : मान्यतानुसार इस दिन साधक और तांत्रिक लोग निशीथ काल में पूजा करते हैं तथा इसी बीच सभी के लिए महानिशा पूजा होती है। यह पूजा नवरात्रि की सप्तमी की रात में की जाती है। यह दिन चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि के रूप में मनाया जाता है और इस दिन भक्त मां का आशीष पाने के लिए व्रत-उपवास रखकर देवी कालरात्रि की विधि-विधान से पूजन करते हैं। 
 
चैत्र नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की साधना की जाती है। अत: नाम से ही जाहिर है कि देवी कालरात्रि का रूप भयानक है। सिर के बाल बिखरे हुए तथा गले में माला है, जो कि विद्युत की तरह चमकती है। इस देव के पास काल से रक्षा करने वाली शक्ति है। इस नवरात्रि का रंग सफेद होता हैं, इसी कारण आज के दिन सफेद वस्त्र धारण करके पूजन करने का विशेष महत्व है। हिंदू धर्म में सफेद यानी श्वेत रंग को शुद्धता तथा सरलता का पर्याय माना गया है।
 
अत: देवी की समस्त कृपा पाने के लिए देवी के भक्तों को सोमवार के दिन सफेद परिधान धारण करके पूजन करना चाहिए, जिससे आपको आत्मशांति एवं सुरक्षा का अनुभव होगा। 
 
आज के दिन कालरात्रि देवी का मंत्र- 
'या देवी सर्वभू‍तेषु मां कालरात्रि रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥' 
का जाप करना अधिक लाभदायी होता है। 
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।


webdunia
Devi Kali

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

Aaj Ka Rashifal:15 अप्रैल 2024, किन राशियों के लिए उत्साहवर्धक रहेगा आज का दिन, पढ़ें 12 राशियां