नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा चीन के साथ सीमा संघर्ष मुद्दे पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया है। पार्टी के 2 वरिष्ठ नेताओं ने शुक्रवार को यह दावा किया। आप नेता संजय सिंह ने कहा कि पार्टी की दिल्ली में सरकार है और पंजाब में वह मुख्य विपक्षी पार्टी है फिर भी भाजपा को उसके विचार नहीं चाहिए।
सिंह ने ट्वीट किया कि केंद्र में अहंकार से ग्रस्त अजीब सरकार है। आम आदमी पार्टी की दिल्ली में सरकार है। पंजाब में वह मुख्य विपक्षी पार्टी है। देशभर में उसके 4 सांसद हैं लेकिन फिर भी भाजपा को इतने अहम मुद्दे पर उसकी राय नहीं चाहिए। प्रधानमंत्री बैठक में क्या कहेंगे, पूरा देश इसका इंतजार कर रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय आपात के दौरान सभी दलों को साथ आना चाहिए। आप नेता एवं दिल्ली के मंत्री गोपाल राय ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आप को नहीं बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि सभी दलों को साथ लेने के बावजूद भाजपा गणितीय फॉर्मूले का प्रयोग कर यह तय कर रही है कि किसे बुलाना है और किसे नहीं? यह दुर्भाग्यपूर्ण है।
समझा जाता है कि सभी मान्यताप्राप्त राष्ट्रीय दलों, जिनके पास लोकसभा में 5 सासंदों से ज्यादा हैं, पूर्वोत्तर के प्रमुख दलों और केंद्रीय कैबिनेट मंत्रियों वाले दलों को सर्वदलीय बैठक के लिए आमंत्रित किया गया है। यह बैठक शुक्रवार को होगी और यह लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीयों और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के विपक्ष द्वारा ब्योरे मांगे जाने के बीच हो रही है। राय ने कहा कि आप भी चीनी आक्रामकता के खिलाफ शनिवार से राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन शुरू करेगी और पार्टी के विधायक अपने संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों में प्रदर्शन करेंगे। (भाषा)