नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने YES बैंक के संस्थापक राणा कपूर पर शिकंजा कस दिया है। कपूर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया साथ ही राणा कपूर के मुंबई स्थित आवास पर छापेमारी भी की गई और बैंक से जुड़े दस्तावेज खंगाले गए।
ईडी के अधिकारियों ने बताया कि राणा कपूर के पश्चिम मुंबई स्थित आवास समुद्र महल पर शुक्रवार शाम को तलाशी शुरू की गई। यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ़ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत की गई है और इसका मकसद सबूत जुटाना है।
एजेंसी एक कॉर्पोरेट कंपनी को कर्ज देने में राणा की भूमिका की जांच कर रही है। आरोप है कि कर्ज के बदले में कपूर की पत्नी के खातों में कथित तौर पर रिश्वत की रकम भेजी गई थी। एजेंसी अन्य कथित अनियमितताओं की भी जांच कर रही है।
कहा जा रहा है कि राणा कपूर को लुकआउट नोटिस जारी किया गया है। राणा कपूर अब जांच पूरी होने तक देश से बाहर नहीं जा पाएंगे। ऐसा माना जाता है कि बैंक के संस्थापक और सीईओ राणा कपूर की गलत नीतियों का ही नतीजा है कि आज बैंक डूब गया।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार शाम को आश्वासन दिया कि अगले 30 दिनों में यस बैंक (Yes Bank) का पुनर्गठन कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि बैंक के ग्राहकों को घबराने की आवश्यकता नहीं है, उनका पैसा पूरी तरह सुरक्षित है।
उल्लेखनीय है कि यह मामला गुरुवार शाम रिजर्व बैंक ने Yes Bank के जमाकर्ताओं के लिए 50,000 रुपए की निकासी की सीमा तय कर दी। Yes बैंक का नाम देश के सबसे 4 बड़े निजी बैंकों में शुमार किया जाता है। इस घोषणा से हड़कंप मच गया।
RBI ने 2018 के बाद से ही Yes बैंक पर शिकंजा इसलिए कसना शुरू किया क्योंकि उसे महसूस हुआ कि बैंक अपनी बैलेंस शीट में गड़बड़ी कर रहा है। आरबीआई ने बैंक के चेयरमैन राणा कपूर को पद से हटा दिया। भारतीय बैंक इतिहास में यह पहला अवसर था, जब आरबीआई ने किसी चेयरमैन को हटाने के साथ ही बैंक पर कई तरह की पाबंदियां लगा दीं।