नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने केरल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के 5 नेताओं को 'वाई' श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई है। यह फैसला उन पर हमले के आशंकित खतरे के मद्देनजर लिया गया है। आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसियों और खुफिया एजेंसियों द्वारा गृह मंत्रालय को दी गई जानकारी के आधार पर आरएसएस के 5 नेताओं को 'वाई' श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई गई है।
उन्होंने बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के खिलाफ हाल ही में की गई छापेमारी की कार्रवाई के दौरान जो दस्तावेज बरामद हुए हैं, उनसे संकेत मिले हैं कि ये नेता पीएफआई के निशाने पर हैं।
केंद्र सरकार ने पीएफआई को आतंकी संगठनों से संबंध रखने के आरोप में 5 साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसियों और खुफिया एजेंसियों द्वारा गृह मंत्रालय को दी गई जानकारी के आधार पर आरएसएस के 5 नेताओं को 'वाई' श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई गई है।
उन्होंने बताया कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की वीआईपी (अतिविशिष्ट व्यक्ति) सुरक्षा इकाई को आरएसएस के इन 5 नेताओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने को कहा गया है। सूत्रों के मुताबिक 'वाई' श्रेणी के तहत प्रत्येक नेता को 2 से 3 सशस्त्र कमांडो सुरक्षा के लिए दिए जाएंगे।
गौरतलब है कि इसी तरह की सुरक्षा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की बिहार इकाई के अध्यक्ष एवं पश्चिमी चंपारण से लोकसभा सदस्य संजय जायसवाल को मुहैया कराई गई है। जायसवाल को सशस्त्र बलों में भर्ती से जुड़ी 'अग्निपथ' योजना की घोषणा के बाद उनके और अन्य भाजपा नेताओं के खिलाफ हुए विरोध-प्रदर्शन के मद्देनजर यह सुरक्षा दी गई है।
हालांकि बाद में जायसवाल से यह सुरक्षा वापस ले ली गई थी लेकिन एक बार फिर उनकी सुरक्षा बहाल कर दी गई है। आरएसएस के 5 नेताओं और जायसवाल के शामिल होने से सीआरपीएफ के वीआईपी सुरक्षा घेरे के तहत कम से कम 125 लोग आ गए हैं।Edited by: Ravindra Gupta(भाषा)