नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार महिला बाइकर्स स्टंट दिखाएंगी। उल्लेखनीय है कि जिन महिलाओं के दल को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है, उनमें से ज्यादातर महिलाएं ऐसी थीं जिन्हें बाइक चलाना नहीं आता था।
हर साल 26 जनवरी को दिल्ली के राजपथ पर होने वाली परेड में पुरुष जवान हैरतअंगेज स्टंट दिखाते रहे हैं लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। इस बार पुरुषों की जगह महिलाएं स्टंट करेंगी। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की 113 महिला बाइकर्स इस बार गणतंत्र दिवस परेड में 350 सीसी की 26 रॉयल एनफील्ड मोटरसाइकिलों पर सवार होकर एरोबेटिक्स और दूसरी तरह की कलाबाजी में अपने कौशल और साहस का परिचय देने वाली हैं।
जम्मू-कश्मीर के लदाख क्षेत्र में बीएसएफ की सब इंस्पेक्टर स्टैन्जीन नॉरयांग(28) की अगुआई में 20 से 31 वर्ष आयु वर्ग की महिला बाइकर्स का दल पहली बार गणतंत्र दिवस परेड में भारतीय सैन्य शक्ति और दिलेरी का प्रदर्शन करेगा। नॉरयांग जब बीएसएफ की इन साहसी महिलाओं के दल में शामिल हुई थीं तो वह बाइक चलाना बिल्कुल नहीं जानती थीं। लेकिन आज वह एक ही मोटरसाइकिल पर 10 दूसरी सवारों के साथ साहसिक करतब भी दिखा सकती हैं।
बाइकर्स टीम 26 जनवरी के कार्यक्रम से पहले राजपथ पर अभ्यास कर रही हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ इस बार बतौर विशिष्ट अतिथि 10 आसियान देशों के प्रमुख गणतंत्र दिवस परेड का निरीक्षण करेंगे।
'सीमा भवानी' नाम के इस दल में ज्यादातर महिलाएं ऐसी हैं, जो पहले बाइक चलाना नहीं जानती थी, लेकिन वे अब एक्सपर्ट हो चुकी हैं। इस टीम में एक अनोखी बात यह है कि इसमें देश के लगभग सभी प्रदेशों की सदस्य शामिल हैं। सबसे ज्यादा 20 सदस्य पंजाब से हैं।
दल में शामिल 15 महिलाएं विवाहित हैं, जबकि 113 अविवाहित। दल में शामिल महिलाओं को कठिन प्रशिक्षण के दौर से गुजरना पड़ा है, जिसमें उन्हें सुबह आठ बजे से दोपहर एक बजे तक और फिर दोपहर साढ़े तीन बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक ट्रेनिंग दी जाती थी।
अब तक यह परंपरा रही है कि बीएसएफ और सेना के बाइक सवार जांबाज हर साल बारी-बारी से गणतंत्र दिवस परेड का समापन करते हैं। इस साल बीएसएफ की बारी है, जिसमें महिलाओं का दल पिरामिड, फिश राइडिंग, शक्तिमान, बुल फाइटिंग, सीमा प्रहरी और अन्य हैरतअंगेज करतब दिखाने की तैयारी में है।