प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने कोरोनावायरस (Coronavirus) संक्रमण को लेकर पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बातचीत के दौरान स्पष्ट शब्दों में कहा है कि 'तीसरी लहर' अपने आप नहीं आएगी। अर्थात हम सावधानी नहीं बरतेंगे तो कोरोना की तीसरी लहर से इंकार भी नहीं किया जा सकता। पिछले दिनों एसबीआई के विशेषज्ञों की टीम ने दावा किया था कि अगस्त में तीसरी लहर आ सकती है और सितंबर में इसका पीक आ सकता है।
पीएम मोदी ने पर्यटन स्थलों पर लोगों की जुट रही भीड़ को लेकर जिस तरह से चिंता जताई है और कहा है कि तीसरी लहर से बचने के लिए सभी को सावधानी बरतने की जरूरत है। वहीं हम गांव से लेकर शहरों तक के दृश्य देखें तो बहुत से लोगों ने दो गज की दूरी को तो बिलकुल कम कर दिया है और कोरोना से लड़ने में सबसे जरूरी चीज मास्क से दूरी बना ली है।
ऐसे में मोदी का कहना कि भीड़भाड़ से कोरोना के मामलों में उछाल आ सकता है। यदि ऐसा हुआ तो कोई आश्चर्य नहीं कि सरकार एक बार फिर सख्त कदम उठा ले। फिर सड़कें सूनी दिखने लगें, दुकानों के शटर बंद नजर आएं और एक बार फिर लोग उसी मुश्किल दौर से गुजरें, जिसका वे दो बार सामना कर चुके हैं।
हालांकि फिलहाल इसे चेतावनी ही माना जाना चाहिए, लेकिन सावधानी तो पूरी तरह बरतने की आवश्यकता है। क्योंकि देश में अब कोई भी और लॉकडाउन झेलने को तैयार नहीं है। सबसे बड़ी बात यह है कि यदि तीसरी लहर आई तो सबसे ज्यादा असर 'नौनिहालों' यानी बच्चों पर ही होने की आशंका है। क्योंकि फिलहाल उनका वैक्सीनेशन भी होने की उम्मीद नहीं है।
कैसे होगा टीकाकरण : प्रधानमंत्री मोदी की चिंता जायज भी और जरूरी भी है। मोदी जी का कहना है कि वैक्सीनेशन तेज करना होगा क्योंकि इससे ही कोरोना कमजोर होगा। उनकी बात में सच्चाई भी है, लेकिन यह भी ध्यान देने की जरूरत है कि देश में पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध ही नहीं हैं। लोगों को घंटों धूप और पानी में वैक्सीनेशन के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। कई बार तो 4-5 घंटे लाइन में लगने के बाद भी बिना वैक्सीनेशन के निराश होकर घर लौटना पड़ता है। दूसरी सबसे बड़ी बात वैक्सीनेशन केन्द्रों पर लोगों की उमड़ती भीड़ भी कोरोना काल में डराने के लिए काफी है।
ऐसे में मोदी जी को यह भी ध्यान रखना होगा कि सभी राज्यों में पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन पहुंचे और लोगों को टीके के लिए लंबी-लंबी लाइनें न लगानी पड़ें। हालांकि मोदी ने लोगों को आश्वस्त भी किया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने स्वास्थ्य के लिए 23 हजार करोड़ का नया पैकेज दिया है। उन्होंने ट्रीटमेंट और टेस्टिंग पर भी जोर दिया है। इसमें कोई संदेह नहीं कि कोरोना की तीसरी लहर से बचना है तो देशवासियों को भी सतर्क रहना होगा और सरकार तथा उसके नुमाइंदों को भी।