Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

क्या स्मृति ईरानी होंगी दिल्ली में भाजपा का चेहरा?

क्या स्मृति ईरानी होंगी दिल्ली में भाजपा का चेहरा?

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, शनिवार, 14 सितम्बर 2024 (13:30 IST)
Delhi assembly elections: दिल्ली में भाजपा ने अपनी चुनावी तैयारियां तेज कर दी है। रायबरेली लोकसभा चुनाव में हार के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की सक्रियता दिल्ली में बढ़ती दिखाई दे रही हैं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि आगामी विधानसभा चुनावों में स्मृति दिल्ली में भाजपा का चेहरा हो सकती हैं। 
 
भाजपा ने स्मृति ईरानी को दिल्ली में 14 जिला यूनिट में से 7 में सदस्यता अभियान की देखरेख का जिम्मा सौंपा गया है। सदस्यता अभियान से संबंधित कार्यक्रमों में वे सक्रिय रूप से शामिल हो रही हैं। बताया जा रहा है कि उन्होंने दक्षिण दिल्ली में एक घर भी खरीदा है। 
 
पार्टी को दिल्ली में एक ऐसे नेता की तलाश हैं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (AAP) को कड़ी टक्कर दे सके। पार्टी इस बार यहां किसी महिला चेहरे पर दांव लगा सकती है।
 
दिल्ली की राजनीति में महिला चेहरा भी काफी चला है। सुषमा स्वराज दिल्ली में 1998 में दिल्ली में मुख्यमंत्री बनी। इसके बाद शीला दीक्षित ने 1998 से 2013 तक दिल्ली की कमान संभाली। 2015 में भी भाजपा ने किरण बेदी के चेहरे पर दांव लगाया था। 2015 में भाजपा ने तेजतर्रार पुलिस अधिकारी रहीं किरण बेदी पर दांव लगाया था। हालां‍कि केजरीवाल के सामने भाजपा का यह दांव पूरी तरह फेल हो गया। 2020 में तो पार्टी ने किसी को भी मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित नहीं किया था। 2013 में भाजपा मात्र 3 सीटें ही जीतने में सफल रही जबकि 2020 में पार्टी 8 सीटें ही हासिल कर सकी।  
 
भाजपा के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं का मानना है कि सुषमा स्वराज की तरह ही तेज तर्रार नेता मानी जाने वाली स्मृति केजरीवाल एंड पार्टी को कड़ी चुनौती दे सकती है। हालांकि सुषमा की बेटी और भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज, मनोज तिवारी, वीरेंद्र सचदेवा समेत कई नेता भी खुद को दिल्ली में भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री पद का दावेदार हो सकते हैं।  
Edited by : Nrapendra Gupta 

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

लालबागचा राजा में दर्शन व्‍यवस्‍था पर उठे सवाल, VIP दर्शन पर फूटा भक्‍तों का गुस्सा