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सरकार बातचीत के लिए तैयार, फिर भी प्रदर्शन के लिए क्यों अड़े किसान...

सरकार बातचीत के लिए तैयार, फिर भी प्रदर्शन के लिए क्यों अड़े किसान...
, शुक्रवार, 27 नवंबर 2020 (11:06 IST)
नई दिल्ली। मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीनों कृषि बिलों से नाराज किसानों का विरोध प्रदर्शन दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं और हर हाल में राजधानी में प्रवेश करना चाहते हैं। वहीं राजधानी की सीमाओं पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए। प्रदर्शनकारियों के दिल्ली में घुसने से वहां अव्यवस्थाएं बढ़ने का खतरा है। उधर सरकार भी किसानों से बातचीत के लिए तैयार है। ऐसे में यह सवाल भी उठ रहे हैं कि किसान क्यों हंगामा कर रहे हैं? किसानों को कौन भड़का रहा है?
 
क्या है आंदोलन की वजह : कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020, कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन-कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020 की वजह से किसान सड़क पर है। तीनों बिल संसद के दोनों सदनों से पारित हो भी चुके हैं और कानून बन चुके हैं।
 
क्या है किसानों का डर : किसानों को डर है कि इन 3 कानूनों से MSP का सिस्टम खत्म हो जाएगा। किसान अगर मंडियों के बाहर उपज बेचेंगे तो मंडियां खत्म हो जाएंगी। ई-नाम जैसे सरकारी पोर्टल का क्या होगा? कॉन्ट्रैक्ट करने से किसानों का पक्ष कमजोर होगा। वो कीमत तय नहीं कर पाएंगे। छोटे किसान कैसे कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग करेंगे? विवाद की स्थिति में बड़ी कंपनियों को फायदा होगा। उनका यह भी मानना है कि बड़ी कंपनियां आवश्यक वस्तुओं का स्टोरेज करेगी। इससे कालाबाजारी बढ़ने का खतरा है।
 
सरकार की सफाई : सरकार ने किसानों को सफाई देते हु्ए कहा कि MSP पहले की तरह जारी रहेगी। मंडियां खत्म नहीं होंगी, बल्कि वहां भी पहले की तरह ही कारोबार होता रहेगा। सरकार का यह भी कहना है कि कॉन्ट्रैक्ट करना है या नहीं, इसमें किसान को पूरी आजादी रहेगी। वो अपनी इच्छा से दाम तय कर फसल बेच सकेंगे। इंस्पेक्टर राज के साथ ही भ्रष्टाचार भी खत्म होगा।
 
सख्ती से नाराज : पंजाब के प्रदर्शनकारी किसानों पर सख्ती से आंदोलन और भड़क गया है। बोल्डर, आंसू गैस के गोले और पानी की बौछार भी आंदोलनकारियों को रोकने में विफल साबित हो रही है। उन्हें अब हरियाणा, राजस्थान और यूपी के किसानों का समर्थन भी मिल गया है। इससे उनके हौंसले बुलंद हो गए हैं।
 
विपक्षी दलों का साथ : आंदोलनकारी किसानों को विपक्षी दलों का भी पूरा समर्थन मिला हुआ है। पुलिस ने जैसे ही आंदोलनकारियों पर सख्ती की। विपक्षी नेताओं ने इस पर सवाल उठा दिए। उनका कहना है कि किसानों की आवाज को क्यों दबाया जा रहा है?
 
क्या है सबसे बड़ा सवाल: दिल्ली इस समय कोरोनावायरस की चपेट में हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर आंदोलनकारियों में कोरोना फैल गया तो इसका जवाबदार कौन होगा?

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