भारत का इंटरनेट बाजार दुनिया में तेजी से बढ़ रहा है लेकिन इसके साथ एक नकारात्मक आंकड़ा भी जुड़ा हुआ है। इंडियन काउंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकनॉमिक रिलेशंस के मुताबिक साल 2012 से जनवरी 2019 तक किसी न किसी कारण से भारत में केंद्र या राज्य सरकारों ने 367 बार इंटरनेट बंद किया था।
सरकार ने विभिन्न कारणों से इंटरनेट को कई बार बंद किया है। ये आर्टिकल लिखे जाने तक कश्मीर के इलाके में इंटरनेट पूरी तरह बंद है। चरमपंथी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद हुए प्रदर्शनों के बीच भी 4 महीने इंटरनेट बंद रहा। इससे 3 अरब डॉलर का वित्तीय घाटा हुआ, साथ ही ऑनलाइन व्यापार करने और ऑनलाइन सुविधाओं का लाभ उठाने वाले उपभोक्ताओं को भी परेशानी उठानी पड़ती है।
इंटरनेट भी सामान्य परिस्थितियों में सामान्य तरीके से चलता रहता है। लेकिन जब सरकार को कानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका होती है तो इंटरनेट को बंद किया जाता है। किसी सांप्रदायिक या राजनीतिक तनाव की घटना में इंटरनेट पर मौजूद मैसेजिंग ऐप्स या सोशल मीडिया के जरिए फेक न्यूज तेजी से फैलाई जाती है। इसमें हिंसा करने के लिए लोगों को इकट्ठा करने और दूसरी तरह की हिंसक गतिविधियां शामिल होती हैं। इसलिए सरकार इंटरनेट को बंद कर देती है।