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विदेशी लोग मादक पदार्थ तैयार करने के लिए ग्रेटर नोएडा को क्यों चुन रहे?

एक साल में 3 मादक पदार्थ बनाने वाले अड्डों का भंडाफोड़

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
सोमवार, 22 अप्रैल 2024 (16:06 IST)
Why are foreigners choosing Greater Noida for drugs : ग्रेटर नोएडा में पुलिस ने पिछले एक साल में विदेशियों द्वारा किराए के घरों में स्थापित किए गए 3 मादक पदार्थ बनाने वाले अड्डों का भंडाफोड़ किया है और सैकड़ों करोड़ रुपए मूल्य का 100 किलोग्राम से ज्यादा नशीला पदार्थ बरामद किया है।
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हाल ही में पुलिस ने 17 अप्रैल को छापेमारी कर चार नाइजीरियाई नागरिकों को पकड़ा था और उनके पास से 100 करोड़ रुपए मूल्य की 26.67 किलोग्राम मेथिलीनडाइऑक्सीफेनथाइलमाइन (एमडीएमए) बरामद की थी। पुलिस ने पिछले साल 16 मई और 30 मई को इस मामले में की गई दो अलग-अलग छापेमारी के दौरान 75 किलोग्राम से अधिक एमडीएमए (जिसे एक्स्टसी या मौली भी कहा जाता है) बरामद किया था और एक दर्जन विदेशियों को गिरफ्तार किया था।
 
नशीले पदार्थ 'मैथ' की कुल कीमत 350 करोड़ रुपए से अधिक : पुलिस के अनुसार, प्रयोगशाला में तैयार किए नशीले पदार्थ 'मैथ' की कुल कीमत 350 करोड़ रुपए से अधिक थी। इन सभी घटनाओं में पुलिस ने पाया कि विदेशियों ने शुद्ध रूप में 'मैथ' तैयार की थी। जांच में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि यह मैथ दिल्ली में एक परिचित व्यक्ति को दी गई और फिर वहां से यूरोप भेजी गई।
 
इसलिए मादक पदार्थों को तैयार करने के लिए इसे चुना : अधिकारी ने बताया, पहले आरोपियों को कच्चा माल उपलब्ध कराया गया और फिर उन्होंने ग्रेटर नोएडा में ये मादक पदार्थ तैयार किया जिसके बाद उन्होंने इसे सुखा कर ठोस बनाया और दिल्ली में अपने जानने वालों को भेज दिया। जिन पुलिसकर्मियों से बात की उनमें से कम से कम तीन ने इस बात पर सहमति जताई कि ग्रेटर नोएडा कम घनी आवासीय सुविधाओं वाला स्थान है और यहां से दिल्ली आना-जाना भी आसान है, इसलिए आरोपियों ने मादक पदार्थों को तैयार करने के लिए इसे चुना।
 
यहां कच्चे माल की उपलब्धता आसान : एक अधिकारी ने बताया, तीनों ही मामलों में विदेशियों ने ग्रेटर नोएडा में खुले क्षेत्रों में किराए पर अलग-अलग मकान लिए, जिससे मादक पदार्थ तैयार करने के दौरान उसमें से निकलने वाली गंध लोगों तक न पहुंच सके। विदेशियों ने मादक पदार्थ तैयार करने के लिए ग्रेटर नोएडा को इसलिए भी चुना क्योंकि यहां कच्चे माल की उपलब्धता है जो कि विदेश में हासिल करना मुश्किल है।
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उदाहरण के लिए एफेड्रिन एनडीपीएस अधिनियम के तहत प्रतिबंधित है और इसकी बिक्री पर सरकार द्वारा भी प्रतिबंध लगाया गया है। एफेड्रिन हालांकि फार्मास्युटिकल प्रयोजनों के लिए उपलब्ध है लेकिन उसके लिए बहुत सारे विनियमन हैं। पुलिस के मुताबिक तीनों मामलों में गिरफ्तार सभी लोग फिलहाल जेल में हैं। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour 

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