Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

बड़ा सवाल, विदेशी मेहमानों के आने पर ही क्यों होते हैं कश्मीर में हमले...

सुरेश एस डुग्गर
गुरुवार, 18 फ़रवरी 2021 (16:46 IST)
जम्मू। पिछले 32 सालों से कश्मीर में आतंकी हमले कोई नई बात नहीं हैं। बंकरों को बनाना भी कोई नई बात नहीं है। सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर नागरिकों को जिल्लत के दौर से गुजारना भी कोई नई बात नहीं है। यही कारण था कि आम नागरिकों का सवाल था कि आखिर विदेशी मेहमानों के आगमन पर ही ऐसे हमले और ऐसी कवायदें क्यों तेज हो जाती हैं।

ताजा घटनाक्रम में श्रीनगर के सबसे प्रसिद्ध एकमात्र शुद्ध शाकाहारी ढाबा कृष्णा ढाबा पर हुआ आतंकी हमला फिलहाल जांच का विषय है कि आखिर आतंकियों ने पहली बार इस ढाबे को निशाना क्यों बनाया। कश्मीर में फैले 32 सालों के आतंकवाद के इतिहास में आतंकियों ने कभी भी इस ढाबे को निशाना नहीं बनाया था जो कश्मीर आने वाले लाखों पर्यटकों की खास पसंद है।

दरअसल कृष्णा ढाबे पर हमला ऐसे समय पर हुआ था, जब कश्मीर में 24 देशों के राजनयिक ‘सब चंगा है’ को देखने के लिए आए थे। वर्ष 2019 में 5 अगस्त को तत्कालीन राज्य के दो टुकड़े कर देने और उसकी पहचान खत्म कर देने की कवायद के बाद विदेशी राजनयिकों का यह तीसरा दौरा था जिसे कांग्रेस ‘गाइडिड टूर’ के नाम पुकारती थी।

इससे पूर्व अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद अक्टूबर 2019 में यूरोपीय राजनयिकों के पहले दल ने जम्मू कश्मीर का दौरा किया था। इस दौरे के दौरान आतंकियों ने शोपियां जिले में पश्चिम बंगाल के पांच मजदूरों की हत्या कर दी थी। यही सवाल अब उठ रहा है कि आखिर वर्ष 2000 के मार्च की 20 तारीख को आतंकियों ने कश्मीर के छत्तीसिंहपोरा में 36 सिखों का नरसंहार क्यों किया था। तब अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन भारत के दौरे पर आने वाले थे।

छत्तीसिंहपोरा नरसंहार की जिम्मेदारी आज तक किसी भी आतंकी गुट ने नहीं ली है, लेकिन इतना जरूर था कि कृष्णा ढाबे पर आतंकी हमले की जिम्मेदारी उस मुस्लिम जानबाज फोर्स ने ले ली जिसने हमले के कुछ घंटे पहले ही सोशल मीडिया पर धमकी दी थी कि वे प्रवासी नागरिकों को कश्मीर से मार भगाएंगे। पर सवाल यह था कि इस हमले में गंभीर रूप से जख्मी होने वाला आकाश मेहरा ढाबे के मालिक का बेटा था और जम्मू के जानीपुरा का रहने वाला था।

ऐसे में यह सवाल जरूर उठता है कि वाकई आतंकियों ने उसे प्रवासी नागरिक मान कर हमला किया था या फिर उनके निशाने पर वे टूरिस्ट थे जो देश-विदेश से आए थे और जो उस समय ढाबे पर मौजूद थे। सवालों के ढेर में एक और सवाल उठ खड़ा होता है कि आखिर राजनयिकों के दौरे से पहले ही श्रीनगर शहर से उन बीसियों सुरक्षा बंकरों को क्यों हटा दिया गया था, जिन्हें सुरक्षा के नाम पर कुछ माह पहले बनाया गया था और जो सूर्य नगरी श्रीनगर की खूबसूरती पर पैबंद की तरह लग रहे थे।

हालांकि सुरक्षाधिकारी सफाई पेश करते है कि अब उनकी जरूरत नहीं थी। पर वे इस सवाल का जवाब नहीं देते कि क्या सुरक्षा का माहौल ठीक हो चुका है। उनकी चुप्पी को बंकरों को हटाए जाने के 12 घंटे के बाद हुआ आतंकी हमला जरूर तोड़ देता है। 

सम्बंधित जानकारी

जरूर पढ़ें

Maharashtra : शिंदे ने शंकाओं को किया दूर, देवेंद्र फडणवीस का रिएक्शन आया सामने

संभल हिंसा को लेकर पुराना वीडियो वायरल, गलत दावे के साथ किया जा रहा शेयर

मजाक बनकर रह गई प्रक्रिया, वक्फ बोर्ड संसदीय समिति से बाहर निकले विपक्षी सांसद, 1 घंटे बाद वापस लौटे

PAN 2.0 Project : कैसे बनेगा नया पैन कार्ड, कितनी लगेगी फीस, आखिर सरकार क्यों लाना चाहती है नया प्रोजेक्ट, सारे सवालों के जवाब

CM of Maharashtra : कैसे मान गए शिंदे, इतनी आसानी से क्यों दे दी CM की कुर्सी, क्या है पर्दे के पीछे की कहानी

सभी देखें

नवीनतम

भारतीय जांच एजेंसियों को मिली बड़ी कामयाबी, लश्कर के आतंकी को रवांडा से लाए भारत

क्या महाराष्ट्र में सरप्राइज देगी BJP, एकनाथ शिंदे डिप्टी CM बनने को तैयार

जेल से रिहा होने की ऐसी खुशी कि गेट पर आते ही कैदी करने लगा ब्रेक डांस, देख लो Video

अडाणी की 11 कंपनियों में से 5 के शेयरों में तूफानी तेजी, 8 दिन में बदल गए हालात, 15 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी

India-China Border : सीमा से पीछे हटने के समझौते को लेकर चीनी सेना ने दिया यह बड़ा बयान...

આગળનો લેખ
Show comments