Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

कौन था माफिया विनोद उपाध्‍याय, जिसका अंत भी गैंगस्टर श्रीप्रकाश शुक्‍ल की तरह हुआ

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
शुक्रवार, 5 जनवरी 2024 (13:46 IST)
Photo: social media
Vinod Upadhyay Encounter:  इन दिनों माफिया विनोद उपाध्याय की जमकर चर्चा हो रही है। हाल ही में उसका एनकाउंटर हुआ है। बता दें कि विनोद उपाध्याय छात्र राजनीति के जरिए अपराध की दुनिया में आया था। साल 2002 विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में विनोद ने अपने समर्थन के साथ छात्रसंघ पदाधिकारी का चुनाव एक व्यक्ति को लड़वाया था। चुनाव में उसकी जीत हो गई और उसका नाम चलने लगा।

बता दें कि प्रदेश के 61 व जिले के टॉप 10 में शामिल विनोद उपाध्याय की आठ माह से सरगर्मी से तलाश चल रही थी। मई, 2023 में गुलरिहा थाने में रंगदारी और जालसाजी का मुकदमा दर्ज होने के बाद से वह फरार चल रहा था। सितम्बर में एडीजी जोन ने उसके ऊपर 1 लाख रुपए इनाम घोषित किया था। विनोद ने चर्चित माफिया श्रीप्रकाश शुक्ला के सम्पर्क में आने के बाद जरायम की दुनिया में कदम रखा था। उसका अंत भी श्री प्रकाश जैसा ही हुआ।

विनोद का ठिकाना : गोरखपुर में विनोद उपाध्याय ने गुलरिहा के मोगलहा में अपना ठिकाना बनाया था। मूलरूप से वह अयोध्या जिले के माया बाजार स्थित उपाध्याय के पुरवा का रहने वाला था। मई में गुलरिहा व शाहपुर थाने में रंगदारी, धमकी व जालसाजी का केस दर्ज होने के बाद अपने भाई और सहयोगियों संग फरार हो गया।

एक लाख का इनाम : आइजी रेंज ने अगस्त में माफिया के ऊपर 50 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था, लेकिन माफिया को पुलिस पकड़ नहीं सकी। सितम्बर में एडीजी जोन ने इनाम बढ़ाकर एक लाख रुपए कर दिया, जिसके बाद उसका नाम मोस्ट वांटेड की लिस्ट में जुड़ा और एसटीएफ की टीम ने सरगर्मी से तलाश शुरू की।

युवाओं को बनाया बायां हाथ : विनोद 2007 पीडब्लूडी कांड के बाद अक्सर चर्चा में रहने लगा। उसके साथ युवाओं की लंबी टीम भी थी। जो इसके साथ लाइसेंसी असलहों को लेकर चलती थी। शादी विवाह हो या अन्य समारोह इस टीम के सदस्यों के दम पर विनोद अपनी पहचान अलग बना लेता था। इसी के साथ के दो अपराधी गंगेज पहाड़ी और दीपक सिंह की हत्या कर दी गई थी।

8 महीने से चल रही थी छापेमारी : विनोद उपाध्याय को पकड़ने के लिए पिछले आठ माह से माफिया के गोरखपुर, अयोध्या, लखनऊ और प्रदेश के अन्य शहरों में स्थित ठिकाने पर छापेमारी चल रही थी। अंत में एसटीएफ टीम को सफलता मिली। अतंत: उसका हश्र भी माफिया श्रीप्रकाश शुक्‍ल की तरह ही हुआ।
Edited By : Navin Rangiyal

सम्बंधित जानकारी

जरूर पढ़ें

क्‍या अब लुटियंस दिल्‍ली में रहती हैं पूर्व पीएम शेख हसीना, बांग्‍लादेश में क्‍यों नहीं थम रहा बवाल?

पहले दोस्त से सुहागरात का वीडियो बनवाया, फिर करने लगा ब्लैकमेल

शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय को दिग्विजय सिंह की नसीहत

बाल संत अभिनव अरोड़ा से गुस्‍साए स्वामी रामभद्राचार्य, स्टेज से उतारा-कहा नीचे उतरो

शुक्रवार को फिर मिली 25 से ज्‍यादा विमानों को बम से उड़ाने की धमकी

सभी देखें

नवीनतम

लॉरेंस बिश्नोई का इंटरव्यू लिया जाना पड़ा महंगा, पंजाब पुलिस के 7 कर्मी निलंबित

राष्ट्रपति मुर्मू ने रायपुर के जगन्नाथ मंदिर में की पूजा-अर्चना

राजस्थान के करौली में नायब तहसीलदार का शव पेड़ से लटका मिला

गुलमर्ग हमले में आतंकियों ने पहली बार किया था रॉकेट का इस्‍तेमाल

दिल्ली में वायु गुणवत्ता में हुआ सुधार, AQI 270 दर्ज

આગળનો લેખ
Show comments