नई दिल्ली। केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा कि केंद्र के खुले बाजार में 30 लाख टन गेहूं बेचने के फैसले के बाद थोक और खुदरा बाजारों में गेहूं की कीमतों में करीब 5 रुपए प्रति किलोग्राम की कमी आई है। उन्होंने कहा कि दरों को कम करने के लिए यदि जरूरी हुआ, तो और कदम उठाए जाएंगे।
खाद्य सचिव ने कहा कि थोक मूल्य 3,000 रुपए प्रति क्विंटल से गिरकर लगभग 2,500 रुपए प्रति क्विंटल रह गया है, जबकि खुदरा मूल्य 3,300-3,400 रुपए प्रति क्विंटल से घटकर 2,800-2,900 रुपए प्रति क्विंटल रह गया है।
चोपड़ा ने कहा कि सरकार गेहूं और आटे (गेहूं का आटा) की कीमतों पर बारीकी से नजर रख रही है और जरूरत पड़ने पर कीमतों को कम करने और उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए मुक्त बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत अधिक गेहूं की पेशकश करने सहित अन्य कदम उठाएगी।
उन्होंने कहा कि सरकार गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध हटाने के किसी भी प्रस्ताव पर अभी विचार नहीं कर रही है। यह प्रतिबंध पिछले साल मई में गेहूं की खरीद में भारी गिरावट के बाद लगाया गया था।
चोपड़ा ने कहा कि जनवरी में ओएमएसएस की घोषणा के बाद से गेहूं की कीमतें नीचे आ गई हैं। थोक बाजारों में गेहूं की कीमतें 2,500 रुपए प्रति क्विंटल से भी कम चल रही हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में कीमतों में और गिरावट आएगी।
उल्लेखनीय है कि पिछले महीने, सरकार ने गेहूं और गेहूं के आटे की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए ओएमएसएस के तहत अपने बफर स्टॉक से खुले बाजार में 30 लाख टन गेहूं बेचने की योजना की घोषणा की थी। 30 लाख टन में से भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ई-नीलामी के माध्यम से आटा चक्की जैसे थोक उपभोक्ताओं को 25 लाख (2.5 मिलियन) टन गेहूं बेचेगा और दो लाख टन राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को दिया जाएगा। गेहूं को आटे में बदलने के लिए संस्थानों और राज्य-पीएसयू को तीन लाख टन गेहूं रियायती दर पर उपलब्ध कराया जा रहा है।
चोपड़ा ने कहा कि देशभर में बुधवार को 15 लाख टन गेहूं की दूसरे दौर की नीलामी हो रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने हाल ही में नेफेड और केंद्रीय भंडार जैसे संस्थानों के लिए गेहूं को आटे में परिवर्तित करने और उपभोक्ताओं को 27.50 रुपए प्रति किलोग्राम पर बेचने के लिए कीमतों को 23.50 रुपए से घटाकर 21.50 रुपए प्रति किलोग्राम कर दिया है, जबकि पहले की दर 29.50 रुपए प्रति किलोग्राम थी।