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क्या है अतीक और अशरफ के बंद लिफाफे का राज?

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मंगलवार, 18 अप्रैल 2023 (21:27 IST)
माफिया डॉन और पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की हत्या के बाद अब एक 'लिफाफा' सुर्खियों में बना हुआ है। बताया जा रहा है कि इस लिफाफे में अतीक और अशरफ की हत्या राज दबा हुआ है। यह सीलबंद लिफाफा सुप्रीम कोर्ट और मुख्‍यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास भेजने की बात कही गई है। हालांकि इसमें क्या रहस्य छिपा हो सकता है, इसके बारे में किसी को भी नहीं पता, लेकिन इतना जरूर कहा जा रहा है कि इस लिफाफे के खुलने के बाद अतीक-अशरफ की हत्या का राज सामने आ सकता है। 
 
दरअसल, अशरफ ने हाल ही में बरेली जेल से प्रयागराज लाए जाते समय मीडिया कर्मियों से कहा था कि एक बड़े अफसर ने उसे धमकी दी है कि दो हफ्ते के अंदर उसे और अतीक को किसी ना किसी बहाने से जेल से बाहर लाकर 'निपटा' दिया जाएगा इसलिए एक चिट्ठी तैयार की गई है।
 
आखिर कौन है वह अधिकारी? : उसने कहा था, अगर उसे या उसके भाई अतीक अहमद को कुछ होता है तो वह चिट्ठी उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास भेज दी जाए। उस चिट्ठी में उस अधिकारी का नाम लिखा है। यह अधिकारी कौन है और क्यों इन्हें मारना चाहता था, इस राज से पर्दा लिफाफे के खुलने के बाद ही हटेगा। संभवत: इस लिफाफे के खुलने के बाद दोनों भाइयों की हत्या को लेकर लगाई जा रही अटकलों पर ‍भी विराम लग जाएगा। 
 
वकील ने की पत्र की पुष्टि : अतीक अहमद के वकील विजय मिश्रा ने भी इस बात की पुष्टि की है। मिश्रा ने बताया कि अतीक अहमद ने कहा था कि यदि उनके साथ कोई दुर्घटना होती है या उनकी हत्या होती है तो बंद लिफाफे में एक चिट्ठी उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश और प्रदेश के मुख्यमंत्री के पास जाएगी। मिश्रा उमेश पाल अपहरण मामले में अतीक अहमद और अशरफ के वकील थे।
 
आखिर चिट्‍ठी है कहां? : यह कोई नहीं जानता कि वह चिट्‍ठी किसके पास है। मिश्रा ने कहा है कि वह चिट्ठी न तो मेरे पास है और न ही मेरे द्वारा भेजी जा रही है। वह चिट्ठी कहीं और रखी गई थी और किसी और व्यक्ति द्वारा भेजी जा रही है। इस चिट्ठी में क्या लिखा है, इसकी मुझे भी कोई जानकारी नहीं है। मिश्रा ने कहा कि अशरफ ने उस अधिकारी का नाम यह कहकर नहीं बताया कि इससे तुम्हारी (मिश्रा) की जान को खतरा हो सकता है। 
 
इस बीच, उच्चतम न्यायालय अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या की स्वतंत्र जांच का अनुरोध करने वाली याचिका पर 24 अप्रैल को सुनवाई करने के लिए मंगलवार को सहमत हो गया।
 
उल्लेखनीय है कि शनिवार की रात शाहगंज थानाक्षेत्र में मोतीलाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय के भीतर अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की तीन लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। यह हत्या उस समय की गई जब अतीक और अशरफ पुलिस हिरासत में चिकित्सा जांच के लिए अस्पताल के भीतर दाखिल हो रहे थे।

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