अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद वहां शरिया (शरीयत) कानून चर्चा में आ गया है। इसको लेकर महिलाओं में सबसे ज्यादा दहशत है। तालिबान ने 1996 से 2001 के बीच अपने शासनकाल में सरेआम फांसी, पत्थर से मारने जैसी सजाएं सुनाई थीं। उस दौर में अफगानी महिलाओं की आजादी पर सबसे गहरी चोट पहुंची थी। टीवी, संगीत और सिनेमा हराम हो गया था। 10 साल से बड़ी लड़कियों के स्कूल जाने पर रोक लग गई थी। महिलाओं के अकेले घर से बाहर निकलने पर पाबंदी लगा दी गई थी। आइए जानते हैं आखिर क्या है शरिया कानून...