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क्‍या है 252 साल पुरानी इंडियन आर्मी की सबसे बेहतरीन यूनिट PBG, जिसमें 6 फीट वाले जाट, सिख और राजपूतों को ही मिलता है मौका

मध्‍यप्रेदश में दौरा करने आ रहे हैं राष्‍ट्रपति कोविंद, सुरक्षा में तैनात होगी चुस्‍त और फुर्तीली यूनिट PBG

PBG
, शुक्रवार, 27 मई 2022 (16:50 IST)
राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद 29 मई तक मध्‍यप्रदेश के दौरे पर हैं। प्रस्‍तावित कार्यक्रमों के मुताबिक वे कल दिल्‍ली से भोपाल पहुंचेगे। इसके बाद 29 को उज्‍जैन जाएंगे। उज्‍जैन से इंदौर होते हुए वापस दिल्‍ली के लिए रवाना होंगे।
राष्‍ट्रपति के दौरे के मद्देनजर उनकी सुरक्षा के चाकचौबंद इंतजाम किए जा रहे हैं। राष्‍ट्रपति की सुरक्षा के चलते इंदौर, उज्‍जैन और भोपाल में वायु सेना के हेलिकॉप्‍टर्स को स्‍टैंडबाय मोड में रखा जाएगा।

क्‍या आप जानते हैं भारत के राष्‍ट्रपति की सुरक्षा में भारतीय सेना की सबसे बेहतरीन यूनिट PBG तैनात की जाती है। यानी प्रेसिडेंट्स बॉडीगार्ड को लगाया जाता है। आइए जानते हैं क्‍या होती है PBG और क्‍या है इसकी खासियत।

आपने कई बार गणतंत्र दिवस की परैड या फिर राष्‍ट्रपति भवन में बेहद ही लंबे-तगड़े, रौबदार चेहरों में फुर्तीले जवानों को देखा होगा। इन बेहद जोशीले और सजे हुए जवानों प्रेसीडेंट्स बॉडीगार्ड यानी PBG कहा जाता है और ये खासतौर से राष्‍ट्रपति की सुरक्षा के लिए तैयार किए जाते हैं। यह भारतीय घुड़सवार रेजिमेंट का हिस्‍सा होते है

किसे देते हैं प्राथमिकता?
इंडियन आर्मी की PBG यूनिट बेहद अहम मानी जाती है। यह यूनिट राष्ट्रपति भवन में ही रहती है। राष्ट्रपति की सुरक्षा में जो बॉडीगार्ड तैनात किए जाते हैं, उनमें सेना से जाट, सिख और राजपूतों को प्राथमिकता दी जाती है। यह सैनिक हरियाणा, पंजाब और राजस्थान से आते हैं। खास बात यह भी है कि पीबीजी में सिर्फ कुछ ही सैनिकों का चयन होता है। इसमें 4 ऑफिसर्स, 11 जूनियर कमीशंड ऑफिसर्स (जेसीओ) और 161 जवान होते हैं।

क्‍या है PBG के लिए शर्तें
यह सिलेक्‍शन कितना कठिन होता है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राष्ट्रपति की सुरक्षा में सिर्फ उन्‍हीं सैनिकों को रखा जाता है, जिनकी लंबाई 6 फीट या इससे ज्यादा होती है।

1773 में हुआ था बॉडीगार्ड यूनिट का गठन
सबसे खास बात है PBG भारतीय सेना की बेहद पुरानी यूनिट है। भारत में पहली बॉडीगार्ड यूनिट का गठन साल 1773 में हुआ था। इस लिहाज से यह करीब 252 वर्ष पुरानी है।

ब्रिटिश था पहला यूनिट कमांडर
ईस्‍ट इंडिया कंपनी ने उस समय देश की इस यूनिट में यूरोपियन ट्रूप्‍स को बतौर पैदल सेना भर्ती किया था। उस समय वॉरेन हेस्टिंग्स गवर्नर जनरल थे, जिन्‍होंने इसका गठन किया था। इस यूनिट के लिए हेस्टिंग्स ने मुगल हाउस से 50 ट्रूप्‍स को चुना था। इसके बाद 1760 में सरदार मिर्जा शानबाज खान और खान तार बेग ने इसे आगे बढ़ाया। फिर बनारस के राजा चैत सिंह ने इसमें 50 और ट्रूप्‍स को शामिल किया।

राष्ट्रपति की बॉडीगार्ड यूनिट का पहला कमांडर ब्रिटिश था और उनका नाम था कैप्‍टन स्‍वीनी टून। उस समय राष्ट्रपति की सुरक्षा में तैनात यूनिट में एक कैप्टन, एक लेफ्टिनेंट, चार सार्जेंट्स, 6 दाफादार, 100 पैराट्रूर्प्‍स, दो ट्रंपटर्स और एक बग्घी चालक होता था।

प्रेसिडेंट दौरे में देखने को मिल सकती है यूनिट
बता दें कि राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद मध्‍यप्रदेश के दौरे पर आ रहे हैं। इस दौरान वे इंदौर, भोपाल और उज्‍जैन जाएंगे। राष्‍ट्रपति की सुरक्षा के लिए इन शहरों में प्रशासन ने इंतजाम करना शुरू कर दिए हैं। ऐसे में इंडियन आर्मी की सबसे बेहतरीन और फुर्तीली मानी जाने वाली PBG की यूनिट देखने को मिल सकती है।

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