नई दिल्ली। उच्च शिक्षा तक बेहतर पहुंच और करियर चुनने की आजादी के दम पर 21वीं सदी की महिलाओं के पास आज दुनिया की कुल संपदा का करीब 40 फीसदी हिस्सा है।
क्रेडिट सुइस की ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट 2018 के मुताबिक बीती एक शताब्दी के दौरान महिलाओं की जीवनशैली में आमूलचूल परिवर्तन आया है जिसकी वजह से महिलाओं के नाम संपत्ति लगातार बढ़ रही है। अब वे पहले से बेहतर शिक्षा ले रही हैं, करियर चुन रही हैं और साथ ही परिवार तथा अपने काम में बेहतर तालमेल बिठा रही हैं। हालांकि पुरुषों की तुलना में कम वेतन मिलने के कारण महिलाओं की संपत्ति अपेक्षाकृत कम रफ्तार से बढ़ रही है।
रिपोर्ट में मुताबिक कुछ क्षेत्रों में जैसे यूरोप और उत्तर अमेरिका में महिलाओं के पास संपत्ति का 40 से 45 फीसदी तक का हिस्सा है। वैश्विक संपदा का करीब 61 फीसदी हिस्सा इसी क्षेत्र का है। अफ्रीका और भारत में महिलाओं की संपदा कम तेजी से बढ़ी है। इन क्षेत्रों की महिलाओं के पास 20 से 30 फीसदी हिस्सा है। हालांकि चीन में महिलाओं की संपत्ति भारत और अफ्रीका की तुलना में अधिक है। वहां की महिलाओं के पास 30 से 40 प्रतिशत हिस्सा है।
एशिया प्रशांत के कुछ देशों में महिलाओं की संपत्ति की स्थिति भारत जैसी है और कुछ की चीन जैसी। पाकिस्तान और बांग्लादेश में महिलाओं की संपदा भारत जैसी है। कुल मिलाकर इस पूरे क्षेत्र में महिलाओं के पास औसतन 25 से 35 प्रतिशत संपत्ति है।
कुछ लातिन अमेरिकी देशों में महिलाओं और पुरुषों की संपत्ति में कम अंतर है लेकिन पूरे क्षेत्र को देखा जाये महिलाओं की संपत्ति का हिस्सा यूरोप और उत्तर अमेरिका से कम और चीन के बराबर है।
यूरोप और उत्तर अमेरिका में न सिर्फ संपत्ति में महिलाओं का अच्छा खासा हिस्सा है बल्कि इस क्षेत्र में सबसे अधिक अरबपति महिलायें भी हैं। इसके बाद लातिन अमेरिका, अफ्रीका, एशिया प्रशांत और चीन का स्थान है। जर्मनी में सबसे अधिक 26 महिला अरबपति हैं जबकि स्वीडन में 25 फीसदी, स्विट्जरलैंड में 23.8 प्रतिशत, आस्ट्रेलिया और भारत दोनों में 18.6 प्रतिशत हैं। इंडोनेशिया, सिंगापुर और ताइवान में एक भी महिला अरबपति नहीं है।
रिपोर्ट के अनुसार महिलायें जोखिम भरे निवेश में कम रुझान रखती हैं। यूरोप और अमेरिका के आंकड़े के मुताबिक मुताबिक अपनी परिसंपत्ति का अधिकतर हिस्सा गैर वित्तीय रुप में रखती हैं। शेयर बाजार और म्युचुअल फंड में उनका निवेश काफी कम है। इस रिपोर्ट से यह भी बात सामने आई है कि महिलाएं बचत के मामले में उतनी आगे नहीं हैं। महिलाएं पुरुषों की तुलना में अपने बच्चों पर अधिक खर्च करती हैं जिससे उनकी बचत प्रभावित होती है। (वार्ता)