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वायनाड में भूस्खलन ने ली 156 लोगों की जान, जिंदगी की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन तेज

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
बुधवार, 31 जुलाई 2024 (09:55 IST)
wayanad landslide : केरल के वायनाड जिले में विनाशकारी भूस्खलन की वजह से अब तक 156 लोग मारे जा चुके हैं जबकि 200 लोग घायल हुए हैं। मलबे में फंसे लोगों की तलाश के लिए बुधवार सुबह बचाव अभियान फिर शुरू किया गया। मलबे में जिंदगी की तलाश जारी है। कई लोगों के अब भी मलबे में फंसे होने की आशंका है, ऐसे में मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है। ALSO READ: Wayanad landslide : सेना ने अस्‍थायी पुल बनाकर बचाई 1,000 लोगों की जान
 
लगातार जारी मूसलाधार बारिश के कारण मंगलवार तड़के वायनाड के मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा सहित अन्य गांवों में बड़े पैमाने पर भूस्खलन की घटनाएं हुई थीं। जिला आपातकालीन संचालन केंद्र की एक विशेष टीम भूस्खलन से पहले इलाके में रह रहे नागरिकों, इस हादसे के बाद मिले लोगों और लापता लोगों की संख्या का पता लगाने के लिए डेटा जुटा रही है।
 
अधिकारी ने कहा कि राशन कार्ड और अन्य सरकारी दस्तावेजों के विश्लेषण के जरिये इलाके में रहने वाले लोगों से जुड़ा डेटा एकत्र किया जा रहा है। वायनाड के कई परिवारों ने भूस्खलन के बाद उनके प्रियजनों के लापता होने की जानकारी दी है।
 
वायनाड में 45 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जिनमें 3,069 लोग रह रहे हैं। सरकार ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान बचाने, घायलों को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने और अन्य लोगों को सुरक्षित इलाकों में स्थानांतरित करने को प्राथमिकता दे रही है। ALSO READ: Wayanad Landslides : केरल के वायनाड में क्यों आई तबाही, वैज्ञानिक और विशेषज्ञों ने बताया कारण
 
एक रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि प्रादेशिक सेना की 122 इन्फैन्ट्री बटालियन के जवानों ने मेप्पडी के एक स्थानीय विद्यालय में डेरा डाला हुआ था और वे अब प्रभावित इलाकों की ओर निकल पड़े हैं।
 
प्रवक्ता ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, 'प्रादेशिक सेना की 122 इन्फैन्ट्री बटालियन के जवान दूसरे दिन के बचाव अभियान की तैयारी कर रहे हैं। वे मेप्पडी में एक स्थानीय विद्यालय में अपने अस्थायी शिविर से वायनाड में आपदा प्रभावित इलाकों की ओर निकल पड़े हैं।'
 
रक्षा विभाग की ओर से जारी एक बयान में बताया गया कि इस बीच सेना की कई टुकड़ियां तिरुवनंतपुरम और बेंगलुरु से सड़क तथा हवाई मार्ग से कालीकट रवाना हुई हैं। इसमें बताया गया कि सेना की टुकड़ियों में आपदा राहत कार्यों में अनुभवी सैनिक, चिकित्सा दल, एम्बुलेंस तथा अन्य उपकरण शामिल हैं।
इनपुट भाषा
Edited by : Nrapendra Gupta 

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