चेन्नई। चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) का विक्रम लैंडर सोमवार को सफलतापूर्वक ऑर्बिटर से अलग हो गया और इसके साथ ही चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव तक पहुंचने की यात्रा में चंद्रयान-2 के हिस्से में एक और सफलता जुड़ गई है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने ट्वीट किया किया- चंद्रयान-2 का विक्रम लैंडर आज दोपहर 1 बजकर 15 मिनट पर सफलतापूर्वक ऑर्बिटर से अलग हो गया।
इससे पहले ISRO के वैज्ञानिकों ने रविवार शाम 6 बजकर 21 मिनट पर सफलतापूर्वक चंद्रयान की कक्षा में बदलाव किया था। चांद की कक्षा में पहुंचने के बाद से यान के पथ में यह पांचवां व अंतिम बदलाव था। कक्षा बदलने में 52 सेकंड का समय लगा।
ISRO के अनुसार चंद्रयान 6-7 सितंबर की दरमियानी रात 1.40 बजे लैंडर का चंद्रमा की ओर उतरना शुरू होगा और अंतरिक्ष के इतिहास में यह ऐतिहासिक घटना होगी जब साउथ पोल पर किसी देश का यान लैंडिंग करेगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चंद्रयान-2 की लैंडिंग की ऐतिहासिक घटना को देखने के लिए ISRO के मुख्यालय में मौजूद रहेंगे। प्रधानमंत्री के साथ वे बच्चे भी मौजूद रहेंगे, जो ISRO द्वारा आयोजित स्पेस क्वीज के विजेता बने हैं।
ISRO के सबसे शक्तिशाली तीन चरण वाले रॉकेट जीएसएलवी-एमके3-एम1 ने आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से 22 जुलाई को चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण किया था। प्रक्षेपण के बाद चंद्रयान-2 ने गत 14 अगस्त को पृथ्वी की कक्षा से निकलकर चंद्र पथ पर आगे बढ़ना शुरू किया था।