नई दिल्ली। बेंगलूर पुलिस ने दिल्ली की एक अदालत से कहा कि उसने शराब व्यवसायी विजय माल्या की 159 संपत्तियों की पहचान की है, किंतु फेरा उल्लंघन से संबंधित प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उसके खिलाफ दर्ज धनशोधन मामले में पुलिस इनमें से कोई संपत्ति कुर्क नहीं कर पाई है।
बेंगलूर पुलिस ने ईडी के जरिए मुख्य मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट दीपक सहरावत को बताया कि वह माल्या की संपत्ति कुर्क नहीं कर पाई है, क्योंकि इनमें से कुछ को मुंबई क्षेत्र के ईडी ने कुर्क कर लिया है और शेष संपत्ति परिसमापन की प्रक्रिया का हिस्सा हैं। इस मामले में सम्मन से बचने के कारण अदालत ने 4 जनवरी को माल्या को भगोड़ा घोषित कर दिया था। ईडी के विशेष लोक अभियोजक एनके मट्टा ने अदालत को बताया कि एजेंसी को माल्या की ऐसी अन्य संपत्तियों को पहचान करने के लिए अधिक समय चाहिए जिन्हें कुर्क किया जा सकता है।
अदालत ने एजेंसी के अनुरोध को मान लिया और बेंगलूर पुलिस को निर्देश दिया कि वे 11 अक्टूबर तक नई रिपोर्ट दाखिल करे। मट्टा ने कहा कि बेंगलूर पुलिस ने कुर्की आदेश को तामील करने के लिए यूनाइटेड ब्रेवरीज के कानूनी सलाहकार से संपर्क किया था। यह आदेश अदालत ने मई में दिया था। कानूनी सलाहकार ने बताया कि ईडी मुंबई ने इनमें से कुछ संपत्ति जब्त कर ली है तथा अन्य संपत्ति कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त किए गए आधिकारिक परिसमापक (लिक्वीडेटर) के तहत हैं।
अदालत ने 8 मई को मामले में बेंगलूर पुलिस आयुक्त के जरिए माल्या की संपत्ति कुर्क करने के आदेश दिए थे और उनसे रिपोर्ट तलब की थी। अदालत ने फेरा उल्लंघन के तहत सम्मन से बचने के कारण माल्या को भगोड़ा घोषित कर दिया, क्योंकि वह कई बार सम्मन जारी करने के बावजूद पेश नहीं हुआ।
अदालत ने पिछले साल शराब व्यवसायी के विरुद्ध ऐसा गैर जमानती वारंट जारी किया था जिसके तामील करने की कोई समय-सीमा नहीं होती। माल्या मार्च 2016 में ब्रिटेन भाग गया था। वह किंगफिशर एयरलाइंस पर करीब 9000 करोड़ रुपए के ऋण बकाया तथा अन्य मामलों में भी वांछित है।