नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को संसदीय समिति को सूचित किया कि नोटबंदी के बाद वह ऑनलाइन भुगतान पर लेन-देन लागत को कम करने के लिए एक व्यवस्था पर काम कर रहा है, हालांकि उसने कहा कि शहरों के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में भी नकदी प्रवाह में उल्लेखनीय सुधार आया है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल तथा डिप्टी गवर्नर आर. गांधी तथा केंद्रीय बैंक के अन्य वरिष्ठ अधिकारी शुक्रवार को संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के समक्ष पेश हुए। इस दौरान सदस्यों ने गवर्नर से मौद्रिक नीति समीक्षा पर काफी सवाल पूछे। गवर्नर को सवालों के जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है।
सूत्रों ने बताया कि सदस्यों को रिजर्व बैंक की ओर से बताया गया कि बैंकों और भुगतान गेटवे सहित अंशधारकों के साथ सरकार की डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहन की पहल के तहत लेन-देन लागत को कम करने की व्यवस्था पर काम किया जा रहा है।
समझा जाता है कि पटेल ने बताया कि देश में नकदी प्रवाह की स्थिति काफी सुधर गई है, हालांकि दूरदराज ग्रामीण इलाकों में कुछ समस्या है। सदस्यों को आश्वस्त किया गया कि वहां भी अगले कुछ सप्ताह में स्थिति सुधर जाएगी। नोटबंदी के वृद्धि पर असर के बारे में पूछे जाने पर पटेल ने कहा कि लघु अवधि में इसका कुछ असर होगा, लेकिन मध्यम से दीर्घावधि में यह अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद होगी। (भाषा)