महाराष्ट्र में आखिरकार बालासाहेब ठाकरे का सपना सच हो ही गया है, शाम 6 बजकर 40 मिनट पर ऐतिहासिक शिवाजी मैदान में बाल ठाकरे के बड़े बेटे और शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। भगवा वस्त्र पहनकर मुख्यमंत्री की शपथ लेने वाले उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र में सेक्युलर गठबंधन का नेतृत्व करेंगे।
हिंदुत्व के चेहरे के सहारे महाराष्ट्र में अपनी पकड़ बनाने वाले ठाकरे परिवार के पहले मुख्यमंत्री बनने वाले उद्धव ठाकरे का भगवा वस्त्र पहनकर शपथ लेना ये दिखाता है कि उसका हिंदुत्व की विचारधारा से हटना इतना आसान नहीं होगा। शपथ ग्रहण सामारोह का पूरा आयोजन हिंदुत्व के रंग में रंगा नजर आया।
महा विकास अघाड़ी सरकार के शपथ ग्रहण से पहले जो कॉमन मिनिमम प्रोग्राम जारी किया गया है उसकी प्रस्तावना की पहली लाइन में ही सेक्युलर शासन की बात कही गई है। गठबंधन में शामिल तीनों दलों ने इस बात पर सहमति जताई है कि गठबंधन संविधान में वर्णित किए गए धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को लेकर प्रतिबद्ध रहेगा।
प्रेस कॉफ्रेंस में शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने कहा कि सरकार सभी धर्मो को साथ लेकर चलेगी और राज्य को विकास के पथ पर लेकर जाएगी। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार देश सबसे पहले के नारे पर आगे बढ़ेगी। इसके साथ ही कॉमन मिनिमम प्रोग्राम में किसानों और गरीबों को काफी प्राथमिकता दी गई है। खास बात ये हैं कि कॉमन मिनिमम प्रोग्राम में जिन 40 बिंदुओं पर सहमति बनी है उसमें हिंदुत्व का कही भी जिक्र नहीं है।
महाराष्ट्र की राजनीति के जानकार कहते हैं कि उद्धव ठाकरे के सामने सबसे बड़ी चुनौती भी यहीं है कि वह कैसे अपनी हिंदुत्ववादी छवि के सहारे कैसे गठबंधन की सरकार को आगे बढाएंगे। सियासत के जानकार कहते हैं कि महाराष्ट्र में नई सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली कांग्रेस कभी भी हिंदुत्ववादी विचारधारा की समर्थक नहीं रही और विचारधारा का यहीं अंतर इस सरकार को कभी भी मुश्किल में डाल सकती है। तस्वीर सौजन्य : एएनआई