नई दिल्ली। मोदी सरकार की 'हवाई चप्पल वाले को हवाई जहाज का सफर कराने' के उद्देश्य से छोटे तथा मझौले शहरों के लिए शुरू की गई किफायती विमान व हेलीकॉप्टर सेवा योजना 'उड़ान' के पहले चरण में आवंटित 44 प्रतिशत मार्गों का आवंटन रद्द कर दिया गया है।
उड़ान के पहले चरण के तहत 128 रूटों का आवंटन किया गया था। आधिकारिक जानकारी के अनुसार इनमें 56 रूटों का आवंटन रद्द कर दिया गया है। इनमें वे रूट शामिल हैं जिन पर आवंटी कंपनी या तो सेवा शुरू ही नहीं कर सकी या सेवा शुरू तो की लेकिन उसकी 30 प्रतिशत से ज्यादा उड़ानें रद्द रहीं।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार एयर ओडिशा को आवंटित 40 रूट और एयर डेक्कन को आवंटित 16 रूटों पर उड़ानें रद्द की गई हैं। एयर ओडिशा को 50 और एयर डेक्कन को 34 मार्गों का आवंटन किया गया था। इनके अलावा ट्रूजेट को 18, एयर इंडिया की इकाई अलायंस एयर को 15 और स्पाइस जेट को 11 मार्गों का आवंटन हुआ है। इन मार्गों का आवंटन 30 मार्च 2017 को किया गया था और हवाई अड्डा तैयार होने के 6 महीने के भीतर कंपनी को सेवा शुरू करनी थी।
'उड़ान' या क्षेत्रीय संपर्क योजना (आरसीएस) के तहत दूरी के हिसाब से हर मार्ग का अधिकतम किराया तय कर दिया गया है। हर उड़ान में आधी सीटें योजना के तहत बुक की जाती है जबकि शेष सीटों की बुकिंग कंपनी बाजार मूल्य के हिसाब से कर सकती है।
अधिकतम किराया तय होने से विमान सेवा कंपनी को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए आरसीएस कोष से उसे पैसा दिया जाता है। प्रति सीट न्यूनतम क्षतिपूर्ति मांगने वाली कंपनी को मार्ग का आवंटन किया गया है। उड़ान के दूसरे चरण में भी रूटों का आवंटन 24 जनवरी 2018 को किया जा चुका है। इसमें 325 रूटों का आवंटन किया गया था। (वार्ता)