पालक्काड (तिरूवनंतपुरम)। पालक्काड जिले में कुछ दुकानों से कथित तौर पर सामान चुराने के आरोप में एक आदिवासी व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या करने के मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, वहीं केंद्र ने इस घटना पर राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है।
पुलिस ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि मृतक मधु के सिर पर चोट के निशान थे और उसके पूरे शरीर पर जख्म थे। त्रिशूर मेडिकल कॉलेज में पोस्टमार्टम किया गया। अगाली के पुलिस उपाधीक्षक टी के सुब्रमण्यम ने बताया कि मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
घटना में संलिप्तता के संदेह में कुछ और लोगों को हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। अगाली शहर में कुछ दुकानों से खाद्य पदार्थ चुराने के आरोप में कुछ लोगों ने मधु की पीट-पीटकर हत्या कर दी। त्रिशूर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक एमआर अजीत कुमार ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ हत्या और एससी- एसटी अत्याचार निरोधक कानून सहित भादंसं की विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज किए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सकों के मुताबिक सिर पर गहरे जख्म के कारण मौत हुई। आईजी ने कहा कि फोटो को सोशल मीडिया पर जारी करने के लिए पुलिस आईटी कानून के तहत उनके खिलाफ मामले दर्ज करने की संभावनाएं तलाशेगी। पोस्टमार्टम के बाद शव को अट्टापदी लाया गया, जहां विभिन्न क्षेत्रों के लोगों ने मधु को श्रद्धांजलि दी।
अट्टापदी राज्य में सबसे पिछड़े आदिवासी इलाकों में से एक है। इससे पहले आदिवासी मामलों के केंद्रीय मंत्री जुएल उरांव ने कहा कि बृहस्पतिवार को आदिवासी व्यक्ति की मौत के सिलसिले में राज्य के मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांगी गई है। मंत्री ने एक टेलीविजन चैनल से कहा कि हमारे मंत्रालय ने घटना को लेकर और राज्य सरकार द्वारा की गई कार्रवाई के बारे में मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांगी है।
राज्य सरकार ने मृतक के परिजनों को 10 लाख रुपए वित्तीय सहायता देने का निर्णय किया है। मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि मधु के परिवार को जल्द से जल्द राशि दी जाए। मधु के परिजनों ने बताया कि वह मानसिक रूप से अस्वस्थ था तथा पिछले कई महीने से जंगल की गुफा में रहता था। उसकी मां मल्लिका और बहन चंद्रिका ने टेलीविजन चैनलों को बताया कि 10-15 लोगों का एक समूह जंगल में गया और उसकी पिटाई कर दी।
उन्होंने आरोप लगाया कि उसकी पिटाई करने के बाद मधु के सिर पर भारी बोझ डालकर उसे चाल किलोमीटर पैदल चलाया गया। उन्होंने प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से बताया कि जब उसने पानी मांगी तो लोगों ने उसका मजाक उड़ाया। उन्होंने आरोप लगाए कि वन विभाग के कुछ अधिकारियों ने स्थानीय लोगों को वहां जाकर मधु पर हमला करने की इजाजत दी। विपक्षी कांग्रेस और भाजपा ने मन्नारकौड तालुक में ‘‘हड़ताल’’ रखी। इसी तालुक में अट्टापदी आता है। (भाषा)