नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके नेपाली समकक्ष शेर बहादुर देउबा ने शनिवार को सीमा पार रेल नेटवर्क व बिजली पारेषण लाइन का उद्घाटन किया। यह रेल सेवा जयनगर (बिहार) और कुर्था, जनकपुर (नेपाल) के बीच चलेगी। साथ ही नेपाल में भारत के रुपे भुगतान कार्ड की शुरुआत की। दोनों पक्षों ने रेलवे और ऊर्जा के क्षेत्रों में सहयोग को विस्तार देने के लिए 4 समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जबकि कई क्षेत्रों में व्यापक सहयोग की प्रतिबद्धता जताई।
मोदी ने मीडिया को दिये बयान में कहा कि भारत और नेपाल की दोस्ती, हमारे लोगों के आपसी सम्बन्ध, ऐसी मिसाल विश्व में कहीं और देखने को नहीं मिलती। हमारी सभ्यता, हमारी संस्कृति, हमारे आदान-प्रदान के धागे, प्राचीन काल से जुड़े हुए हैं। अनादिकाल से हम एक-दूसरे के सुख-दुःख के साथी रहे।
उन्होंने कहा कि भारत शांति, समृद्धि और विकास के लिए नेपाल की यात्रा में एक मजबूत साथी रहा है और रहेगा। दोनों पक्षों के बीच बिजली सहयोग पर संयुक्त बयान इस क्षेत्र में भविष्य में सहयोग का ब्लूप्रिंट साबित होगा। नेपाल की जलविद्युत विकास योजनाओं में भारतीय कंपनियों की अधिक भागीदारी पर सहमति बनी है।
देउबा ने कहा कि भारत के साथ नेपाल के संबंध 'अत्यंत महत्वपूर्ण' हैं। काठमांडू में राजनीतिक उथल-पुथल के बाद पिछले साल जुलाई में पांचवीं बार प्रधानमंत्री बनने के बाद देउबा की यह पहली द्विपक्षीय विदेश यात्रा है।
उल्लेखनीय है कि जयनगर, भारत और बैजलपुर, नेपाल के बीच पहली रेल सेवा 1937 में शुरू हुई थी। 2001 में नेपाल में आई बाढ़ से सेवाएं ठप हो गईं लेकिन जयनगर और जनकपुर के बीच मार्च 2014 तक रेल सेवा जारी रही।