Former President Ram Nath Kovind: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक साथ चुनाव कराने के संबंध में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को बुधवार को स्वीकार कर लिया। देश में 1951 से 1967 के बीच एक साथ चुनाव हुए थे, लेकिन उसके बाद मध्यावधि चुनाव समेत विभिन्न कारणों से चुनाव अलग-अलग समय पर होने लगे। एक देश, एक चुनाव पर उच्च स्तरीय समिति द्वारा एक साथ चुनाव कराने के संबंध में की गई शीर्ष 10 सिफारिशें इस प्रकार हैं-
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सरकार को एक साथ चुनाव कराने के चक्र को बहाल करने के लिए कानूनी रूप से स्वीकार्य तंत्र विकसित करना चाहिए।
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पहले चरण में लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जा सकते हैं।
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दूसरे चरण में, नगर पालिकाओं और पंचायतों के चुनावों को लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के साथ इस तरह से समन्वित किया जाएगा कि नगर पालिकाओं और पंचायतों के चुनाव संसदीय और विधानसभा चुनावों के 100 दिन के भीतर कराए जाएं। ALSO READ: वन नेशन वन इलेक्शन पर क्यों भड़का विपक्ष? जानिए किसने क्या कहा
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लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने के उद्देश्य से राष्ट्रपति, आम चुनाव के बाद लोकसभा की पहली बैठक की तारीख को नियत तारीख के रूप में अधिसूचित करेंगे।
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नियत तिथि के बाद और लोकसभा के पूर्ण कार्यकाल की समाप्ति से पहले चुनावों के माध्यम से गठित सभी राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल केवल बाद के संसदीय चुनावों तक की अवधि के लिए होगा। इस एक बार की अस्थायी व्यवस्था के बाद, सभी लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ आयोजित किए जाएंगे। ALSO READ: नरेन्द्र मोदी ने कहा, वन नेशन वन इलेक्शन को मंजूरी महत्वपूर्ण कदम
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सदन में त्रिशंकु स्थिति या अविश्वास प्रस्ताव या ऐसी किसी भी स्थिति में नई लोकसभा के गठन के लिए नए चुनाव कराए जा सकते हैं।
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जहां लोकसभा के लिए नए चुनाव आयोजित किए जाते हैं तो ऐसी स्थिति में सदन का कार्यकाल केवल सदन के तत्काल पूर्ववर्ती पूर्ण कार्यकाल की शेष अवधि के लिए होगा।
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जब राज्य विधानसभाओं के लिए नए चुनाव आयोजित किए जाते हैं, तो ऐसी नई विधानसभाएं- जब तक कि उन्हें पहले ही भंग न कर दिया जाए - लोकसभा के पूर्ण कार्यकाल के अंत तक बनी रहेंगी।
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भारत के निर्वाचन आयोग द्वारा राज्य निर्वाचन आयोग के परामर्श से एक एकल मतदाता सूची और मतदाता फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) तैयार किया जाएगा और यह ईसीआई द्वारा तैयार की गई किसी भी अन्य मतदाता सूची का स्थान लेगा। ALSO READ: वन नेशन वन इलेक्शन को मोदी कैबिनेट की मंजूरी, संसद के शीतकालीन सत्र में आएगा बिल
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एक साथ चुनाव कराने के लिए रसद व्यवस्था करने के लिए, भारत निर्वाचन आयोग ईवीएम और वीवीपैट जैसे उपकरणों की खरीद, मतदानकर्मियों और सुरक्षा बलों की तैनाती और अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं के लिए पहले से योजना और अनुमान तैयार कर सकता है। (एजेंसी/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala