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Tirupati Controversy: सिर्फ इस ब्रांड के घी से बनेगा प्रसाद, 34000 मंदिरों पर लागू होगा कर्नाटक सरकार का नया आदेश

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
शनिवार, 21 सितम्बर 2024 (15:02 IST)
तिरुपति मंदिर में लड्डू प्रसाद में जानवरों की चर्बी होने की बात से हंगामा मचा है। विवाद के बाद अब कर्नाटक की सिद्दरमैया सरकार एक्शन में आ गई है। सिद्दरमैया सरकार ने एक निर्देश जारी किया है जिसमें राज्य के मंदिर प्रबंधन निकाय के अंतर्गत आने वाले सभी 34000 मंदिरों में नंदिनी ब्रांड के घी का इस्तेमाल अनिवार्य किया गया है।
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बता दें कि इस प्रसाद को बनाने के लिए प्रतिदिन 400 से 500 किलो घी, 750 किलो काजू, 500 किलो किशमिश का इस्तेमाल होता है। आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में मिलने वाले लड्डू प्रसाद के घी में जानवरों की चर्बी मिलने की जानकारी के बाद पूरे देश में हंगामा है। यह हिंदुओं की आस्था के साथ बड़ा खिलवाड़ है।

अब एक्‍शन में सरकार : कर्नाटक की सिद्दरमैया सरकार ने एक निर्देश जारी किया है, जिसमें राज्य के मंदिर प्रबंधन निकाय के अंतर्गत आने वाले सभी 34,000 मंदिरों में नंदिनी ब्रांड के घी का इस्तेमाल अनिवार्य किया गया है। कर्नाटक सरकार के नए निर्देश के अनुसार उसके अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सभी मंदिरों को मंदिर के अनुष्ठानों, जैसे कि दीपक जलाना, प्रसाद तैयार करना और 'दसोहा भवन' (जहां भक्तों को भोजन परोसा जाता है) में केवल नंदिनी घी का इस्तेमाल करना होगा।

मंदिर के कर्मचारियों को ये आदेश : कर्नाटक सरकार ने मंदिर के कर्मचारियों को आदेश दिया है कि वो यह सुनिश्चित करें कि 'प्रसाद' की गुणवत्ता से कभी समझौता न किया जाए। कर्नाटक राज्य के धार्मिक बंदोबस्ती विभाग के तहत सभी अधिसूचित मंदिरों में, सेवाओं, दीपकों और सभी प्रकार के प्रसाद की तैयारी और दसोहा भवन में केवल नंदिनी घी का उपयोग करने का निर्देश दिया गया है।
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यह निर्देश तिरुपति के प्रसिद्ध वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में लड्डू बनाने में कथित तौर पर जानवरों की चर्बी के इस्तेमाल को लेकर हुए बड़े विवाद के बाद आया है। इसका प्रबंधन तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) करता है।

विवाद तब शुरू हुआ जब आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने मंदिर में इस्तेमाल किए जाने वाले घी की गुणवत्ता पर चिंता जताई और दावा किया कि नमूनों में चर्बी और अन्य पशु वसा की मौजूदगी पाई गई है।

3 लाख लड्डू रोजाना बनते हैं: बता दें कि तिरुपति मंदिर की रसोई में रोजाना करीब 3 लाख लड्डू बनते हैं। उसे बनाने के लिए भारी मात्रा में सामग्री की जरूरत होती है, जिसमें 1,400 किलो घी के साथ-साथ काजू, किशमिश, इलायची, बेसन और चीनी जैसी अन्य जरूरी चीजें शामिल हैं।

कैसे बनता है ये प्रसाद : इस प्रसाद के बारे में कहा जा रहा है कि यह एक स्पेशल किचन में बनता है। आंध्र प्रदेश में इसे Potu कहते हैं। वही प्रसाद बनाने की जिम्मेदारी भी एक खास वर्ग को दी जाती है, जो पिछली कई दशकों से बल्‍कि सदियों से इसी काम में लगे हुए हैं, यानी कि उन लोगों के लिए यह संस्कृति का हिस्सा बन चुका है। ब़ड़ी बात यह है कि जो इस प्रसाद को बनाते हैं, उन्हें अपना सिर मुंडवाना पड़ता है, सिर्फ एक सिंगल कपड़ा पहनने की अनुमति रहती है। इस प्रसाद को बनाने के लिए घी के अलावा, चना बेसन, चीनी, चीनी के छोटे टुकड़े, काजू, इलायची, कपूर और किशमिश का उपयोग होता है। यह प्रसाद इतना खास है कि 2014 में इसे GI टैग भी मिल चुका है।
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क्‍या और कितनी सामग्री लगती है प्रसाद में : इस प्रसाद को बनाने के लिए प्रतिदिन 400 से 500 किलो घी, 750 किलो काजू, 500 किलो किशमिश का इस्तेमाल होता है। इसमें काफी धन खर्च होता है जबकि क्वांटिटी भी बहुत ज्यादा होती है।
Edited By: Navin Rangiyal

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