नई दिल्ली। तीन तलाक विधेयक को जांच के लिए प्रवर समिति में भेजे जाने की मांग को लेकर विपक्ष के भारी हंगामा के कारण इस विधेयक को राज्यसभा में चर्चा के लिए सोमवार को पेश नहीं किया जा सका और सदन की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।
भोजनावकाश के बाद कार्यवाही शुरू होने पर अन्नाद्रमुक सदस्यों के कावेरी मुद्दे पर सदन के बीचोंबीच आकर नारेबाजी करने के बीच स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने स्वास्थ्य देखरेख वृत्ति विधेयक पेश किया। इसके बाद उपसभापति हरिवंश ने तीन तलाक ‘मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2018 पेश करने की प्रक्रिया शुरू की तभी विपक्षी सदस्य खड़े हो गए।
तृणमूल कांग्रसे के डेरेक ओ' ब्रायन ने कहा कि वे इस विधेयक को पारित करने के पक्ष में हैं, लेकिन नियम 125 के तहत 15 प्रमुख विपक्षी दलों ने इस विधेयक को प्रवर समिति को भेजे जाने का नोटिस दिया है। पहले विपक्ष के नोटिस पर चर्चा होनी चाहिए।
इसके बाद विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि विपक्ष के 90 प्रतिशत सदस्य इस विधेयक को प्रवर समिति को भेजने के पक्ष में हैं। सभी विपक्षी दल सदन की कार्यवाही चलाना चाहते हैं।
तीन तलाक विधेयक को लेकर विपक्ष द्वारा दिए गए नोटिस पर चर्चा होनी चाहिए क्योंकि इस सरकार ने 1993 से चली आ रही परंपराओं को तोड़ा है और विधेयक को स्थायी समिति या प्रवर समिति की जांच के बगैर ही पारित कराने की परंपरा शुरू की है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक करोड़ों लोगों की जिदंगी को सकारात्मक या नकारात्मक रूप से प्रभावित करने वाला है इसलिए इसे प्रवर समिति भेजना आवश्यक है।
संसदीय कार्य राज्यमंत्री विजय गोयल ने कहा कि आजाद का इस विधेयक को लेकर सदन के समाने कोई प्रस्ताव नहीं है। लोकसभा में कांग्रेस ने पहले भी इस विधेयक पर चर्चा में भाग लिया था और इस बार भी हुई चर्चा में शामिल थी।
यह विधेयक करोड़ों महिलाओं के हक से जुड़ा है। यह मुस्लिम महिलाओं को समान हक दिलाने वाला विधेयक है। उन्होंने कहा कि विपक्ष इस विधेयक पर राजनीति कर रहा है और वह न तो मुसलमानों के पक्ष में है और न ही मुस्लिम महिलाओं के पक्ष में ही है।
इससे पहले उपसभापति ने कार्यवाही शुरू होने पर कहा कि हमारा नैतिक फर्ज है कि सदन चले। लोकसभा में कार्यवाही चल रही है और वहां प्रश्नकाल भी हो रहे हैं तथा विधेयक भी पारित किया जा रहा है। उच्च सदन में भी कार्यवाही चलनी चाहिए, लेकिन हम एक दिन भी प्रश्नकाल नहीं चला पाए हैं।
उन्होंने सदस्यों से बार बार व्यवस्थित होने का आग्रह किया, लेकिन इसके बाद भी हंगामा और शोरगुल जारी रहने पर उन्होंने सदन की कार्यवाही पहले 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी।
स्थगन के बाद कार्यवाही शुरू होने पर अन्नाद्रमुक सदस्यों के नारेबाजी के बीच कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा ने कहा कि इस तरह से कानून नहीं बन सकते हैं। कोई भी इसका विरोध नहीं कर रहा है, बल्कि विधेयक पर सरकार राजनीति कर रही है। विपक्ष कोई राजनीति नहीं कर रहा है। विपक्ष इस विधेयक को प्रवर समिति में भेजने की मांग कर रहा है।
इसके बाद विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कल तक तीन तलाक हुए हैं। इस विधेयक को लटकाया नहीं जा सकता है। उच्चतम न्यायालय ने भी कानून बनाने के लिए कहा है। इसी दौरान विपक्षी दलों के सदस्य अपनी-अपनी सीट के निकट खड़े हो गए और अपनी-अपनी बात कहने लगे, जिससे भारी शोरगुल होने लगा।
उपसभापति ने सदस्यों से व्यवस्थित होने और कार्यवाही चलने देने की अपील की, लेकिन सदस्यों का शोरगुल जब जारी रहा तो उन्होंने सदन की कार्यवाही बुधवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। मंगलवार को नववर्ष के अवसर पर अवकाश घोषित किया गया है।
इससे पहले सुबह शून्यकाल के दौरान अन्नाद्रमुक के सदस्यों ने कावेरी मुद्दे को लेकर नारेबाजी की थी, जिसके कारण सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी। इस दौरान प्रख्यात फिल्मकार और राज्यसभा के पूर्व सदस्य मृणाल सेन के निधन पर शोक व्यक्त किया गया और सदस्यों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।