Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

नोबेल पुरस्कार विजेता के साथ मिलकर ब्रह्मांड के रहस्य उजागर करेंगे भारतीय खगोलविद्

नोबेल पुरस्कार विजेता के साथ मिलकर ब्रह्मांड के रहस्य उजागर करेंगे भारतीय खगोलविद्
, शुक्रवार, 13 नवंबर 2020 (10:52 IST)
नई दिल्ली, ब्रह्मांड के रहस्यों को उजागर करने के लिए असीमित अंतरिक्ष में झांकने के उद्देश्य से अमेरिका के हवाई द्वीप के मोनाकिया में तीस मीटर का विशालकाय टेलीस्कोप लगाया जा रहा है।

इस अंतरराष्ट्रीय परियोजना में टेलीस्कोप से जुड़े उपकरणों के संबंध में भौतिक विज्ञान के वर्ष 2020 के नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर एंड्रिया गेज ने भारतीय खगोलविदों के साथ सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं।

हमारी आकाश गंगा के केन्द्र में स्थित एक विशालकाय ठोस वस्तु का पता लगाने के लिए प्रोफेसर गेज को प्रोफेसर रोजर पेनरोस और प्रोफेसर रिनहार्ड गेंजेल के साथ संयुक्त रूप से यह पुरस्कार दिया गया है। प्रोफेसर गेज ने थर्टी मीटर टेलीस्कोप (टीएमटी) परियोजना में उपयोग होने वाले बैक ऐंड उपकरणों और परियोजना की वैज्ञानिक संभावनाओं से जुड़े तकनीकी पहलुओं के विकास में अहम भूमिका निभायी है।

भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान की निदेशक डॉ. अन्नपूर्णी सुब्रमण्यम और आर्यभट्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ ऑब्जर्वेशन साइंसेज के वैज्ञानिक डॉ. शशिभूषण पांडे जैसे कई भारतीय खगोलविदों के साथ-साथ कई अन्य लोगों ने प्रोफेसर गेज के साथ इस परियोजना के अनुसंधान और विकासात्मक गतिविधियों में सहयोग किया है।

टीएमटी परियोजना अंतरराष्ट्रीय साझेदारी वाली परियोजना है, जिसमें कैल टेक, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, कनाडा, जापान, चीन और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग और परमाणु ऊर्जा विभाग के संग भारत सहयोग कर रहा है।

तीस मीटर का यह विशालकाय टेलीस्कोप एवं इससे जुड़े साझेदार देशों और उनकी जनता को करीब लाने के साथ ही खगोल विज्ञान और भौतिकी के क्षेत्र में कई अनसुलझे प्रश्नों का उत्तर देने में महत्वपूर्ण हो सकता है। इसके लिए प्रोफेसर ऐंड्रिया गेज और भारतीय खगोलविद मिलकर काम कर रहे हैं।

कई अध्ययन रिपोर्टों में टेलीस्कोप की वैज्ञानिक उपयोगिता के साथ-साथ अन्य महत्वसपूर्ण विषयों पर भी विस्तार से प्रकाश डाला गया है। इसमें हमारे सौरमंडल से संबंधित डेटा सिम्युलेटर, ऊर्जावान क्षणिक वस्तुओं, आकाशगंगाओं की सक्रिय नाभिक और दूर के गुरुत्वाकर्षण-लेंस वाली आकाशगंगाओं का अध्ययन शामिल है। इसमें हमारी आकाशगंगा के केंद्र में सुपरमैसिव कॉम्पैक्ट ऑब्जेक्ट की प्रकृति और इससे सबंधित कई अज्ञात चीजों की खोज करने के लिए कई और नए पहलुओं को समझने के लिए निकट भविष्य में आईआरआईएस/टीएमटी की क्षमता को दिखाया गया है। (इंडिया साइंस वायर)

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

कमजोर वैश्विक संकेतों से सेंसेक्स 250 अंक गिरा, निफ्टी 12,650 से नीचे