Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

जम्मू-कश्मीर में फिर लौट आया स्टिकी बमों का खतरा!

जम्मू-कश्मीर में फिर लौट आया स्टिकी बमों का खतरा!

सुरेश एस डुग्गर

, सोमवार, 1 मई 2023 (22:43 IST)
  • जम्मू-कश्मीर में फिर मंडराया स्टिकी बमों का खतरा  
  • अमरनाथ श्रद्धालुओं को निशाना बना सकते हैं आतंकी 
  • वरिष्ठ सुरक्षाधिकारियों ने बैठक में जताई चिंता
जम्मू। Jammu and Kashmir news : 2 साल के अरसे के बाद एक बार फिर जम्मू-कश्मीर में स्टिकी बमों का खतरा मंडराने लगा है, हालांकि स्टिकी बमों की कोई ताजा खेप कहीं से पकड़ी नहीं गई है, पर पुलिस का कहना है कि आतंकी आने वाले दिनों में ऐसे बमों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके प्रति चिंता 2 दिन पहले हुई वरिष्ठ सुरक्षाधिकारियों की बैठक में भी प्रकट की जा चुकी है।

जानकारी के लिए पिछले साल कश्मीर में स्टिकी बमों के कई हमले हुए थे। उसके बाद सांबा में बार्डर पर इसकी एक बड़ी खेप पकड़ी गई थी। हालांकि उसके बाद न ही इनकी कोई बरामदगी हुई थी और न ही कोई इस्तेमाल हुआ, जिस कारण सुरक्षाबल इनके प्रति लापरवाह हो गए थे, पर पिछले साल जम्मू व कटड़ा में हुए धमाकों में इनके इस्तेमाल के बाद अब खुफिया सूचनाएं कहती थीं कि आतंकी इनका इस्तेमाल अमरनाथ यात्रा में शिरकत करने वाले श्रद्धालुओं को नुकसान पहुंचाने के लिए कर सकते हैं। ऐसी सूचनाओं की पुष्टि कश्मीर रेंज के एडीजीपी विजय कुमार भी करते हैं।

दरअसल अभी आईईडी और हथगोलों के कामयाब व नाकाम हमलों से सुरक्षाबल जूझ ही रहे थे कि स्टिकी बमों की बरामदगी और कई खेपों के जम्मू-कश्मीर में पहुंच जाने की खबरों ने सभी को दहशतजदा कर दिया है। इसके प्रति सुरक्षाधिकारियों ने चेताते हुए कहा कि यह भयानक और शक्तिशाली भी हो सकते हैं और आतंकी इनसे तबाही मचा सकते हैं।

वर्ष 2021 में मार्च महीने में कश्मीर में एक टिप्पर को स्टिकी बम से उड़ाने की नाकाम कोशिश के बाद कुछ स्टिकी बम बरामद हुए तो खुफिया अधिकारियों ने कहा कि अब आतंकी ग्रेनेड व आईईडी के स्थान पर स्टिकी बमों को तरजीह दे सकते हैं। इसके पीछे के कारणों को सुरक्षाधिकारी कुछ इस तरह से गिनाते हैं कि यह बड़ी मात्रा में जम्मू-कश्मीर पहुंच चुके हैं, यह आसानी से छुपाए जा सकते हैं और यह मेटल डिटेक्टर की नजर से भी बच जाते हैं।

ऐसे में जम्मू-कश्मीर के नागरिकों का दहशतजदा होना जायज है। इसका भी कारण सुरक्षाधिकारियों की वह चेतावनी है जिसमें वे कहते हैं कि आतंकी इन स्टिकी बमों का इस्तेमाल आम नागरिकों के वाहनों पर चिपकाकर विस्फोट करने के इरादे लिए हुए हैं।

कटड़ा में पिछले साल श्रद्धालुओं की बस को स्टिकी बमों से उड़ाया जा चुका है जिसमें चार श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी और अब खुफिया सूचनाओं के बाद दहशत का आलम सुरक्षाबलों के गलियारों में भी देखा जा सकता है जो इन स्टिकी बमों को तलाश करने की तरकीबें तलाश रहे हैं तथा सुरक्षा बंदोबस्त में ऐसे उपकरण शामिल करने पर जोर देने लगे हैं जिनसे इन स्टिकी बमों के हमलों को रोका जा सके।

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

14 मोबाइल ऐप्स पर सरकार ने लगाया बैन, जम्मू-कश्मीर में आतंकी भेज रहे थे सीक्रेट मैसेज