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तमिल स्टार विजय की राजनीति में एंट्री, क्या तमिलगा वेट्ट्री कझगम DMK को दे सकेगी चुनौती?

संदीपसिंह सिसोदिया
Film star Vijay Thalapathy in Tamil politics: तमिलनाडु की राजनीति में अभिनेता विजय थलपति का राजनीतिक उभार इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। तमिल सिनेमा  से राजनीति में कदम रखने वाले विजय ने अपनी पार्टी तमिलगा वेट्ट्री कझगम (TVK) के जरिए राज्य की मौजूदा पार्टियों, खासकर द्रविड़ मुन्नेत्र कझगम (DMK) को कड़ी चुनौती देने का इरादा जताया है। विजय के प्रशंसकों और समर्थकों ने उनके राजनीतिक अभियान को जोर-शोर से समर्थन दिया है और उनकी हालिया रैली में लाखों लोगों की भीड़ इस बात का संकेत है कि वे तमिलनाडु की राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकते हैं। हालांकि द्रमुक ने विजय पर आरोप लगाया है कि टीवीके ने द्रमुक की विचारधारा की नकल की है। 
 
पहली रैली में लाखों समर्थकों की भीड़ 
विजय ने हाल ही में तमिलनाडु के विल्लुपुरम जिले में अपनी पहली राजनीतिक रैली की, जहां लाखों समर्थकों की मौजूदगी ने राज्य की राजनीतिक हलचल बढ़ा दी। विजय ने इस मौके पर अपनी पार्टी तमिलगा वेट्ट्री कझगम (TVK) की विचारधारा और लक्ष्यों को साझा किया और स्पष्ट किया कि उनका मुख्य उद्देश्य राज्य में एक सकारात्मक बदलाव लाना है। 
 

विजय ने अपने भाषण में कहा कि तमिलनाडु में बदलाव की जरूरत है। उन्होंने बिना नाम लिए DMK पर निशाना साधते हुए इसे 'स्वार्थी परिवार की पार्टी' कहा। विजय ने भ्रष्टाचार और पारिवारिक राजनीति को राज्य की प्रगति में बाधा बताया और कहा कि तमिलनाडु के लोग सद्भाव और एकता के साथ रहते हैं, लेकिन कुछ राजनीतिक ताकतें उन्हें विभाजित करने का प्रयास कर रही हैं। 

विजय का राजनीति में प्रवेश उस समय हो रहा है जब तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी DMK अपने चरम पर है। एमके स्टालिन के नेतृत्व में DMK ने तमिलनाडु की राजनीति पर अपनी पकड़ मजबूत की है, लेकिन विजय की नई पार्टी ने समीकरण बदलने का संकेत दिया है। 
 
 
DMK की आलोचना करते हुए विजय ने इसे एक ऐसी पार्टी बताया जो तमिलनाडु के लोगों की भावनाओं और हितों को नहीं समझती। विजय की इस आलोचना ने उनके समर्थकों के बीच नया जोश भर दिया है, जो उन्हें एक नए और साफ-सुथरे नेतृत्व के रूप में देख रहे हैं। विजय की पार्टी TVK की राजनीति का केंद्र समानता, रोजगार और भ्रष्टाचार मुक्त शासन है, जो सीधे तौर पर DMK और AIADMK जैसी पार्टियों की पारंपरिक राजनीति का विरोध करता है।
 
विजय का राजनीतिक प्रभाव
विजय का फिल्मी करियर उन्हें तमिलनाडु के घर-घर तक पहचान दिला चुका है। विजय के प्रशंसकों का एक बड़ा वर्ग है, जिसे 'विजय मक्कल इयक्कम' (VMI) के नाम से जाना जाता है। यह संगठन विजय के राजनीतिक अभियान के लिए जनसमर्थन जुटा रहा है। उनके समर्थक तमिलनाडु के युवा और मध्यवर्गीय वोटरों में खासे लोकप्रिय हैं, जो उन्हें DMK के विकल्प के रूप में देख रहे हैं। विजय मक्कल इयक्कम के लाखों फैंस, उनके हर कदम पर साथ हैं। विजय की पार्टी को तमिलनाडु के युवाओं और मध्यवर्गीय वोटरों से खासा समर्थन मिल रहा है, जो उन्हें राज्य में बदलाव लाने वाले नेता के रूप में देख रहे है।
 
विजय की रैलियों में उमड़ने वाली भीड़ और उनकी फिल्मों से मिलने वाली अपार लोकप्रियता ने उन्हें तमिलनाडु की राजनीति में एक महत्वपूर्ण चेहरा बना दिया है। युवाओं में लोकप्रिय विजय थलापति 420 करोड़ रुपए के मालिक हैं साउथ एक्टर विजय फिल्मों और ब्रांड एंडोर्समेंट से सालाना 120 करोड़ रुपए कमाई करते हैं। उनकी कुल नेटवर्थ 420 करोड़ रुपए है।
 
विजय ने अपनी पार्टी के घोषणापत्र में तमिलनाडु के लिए दो-भाषा नीति, भ्रष्टाचार मुक्त शासन, राज्यपाल का पद हटाने और जाति आधारित जनगणना जैसे मुद्दों पर जोर दिया है। उनका यह एजेंडा युवाओं और मध्यम वर्ग के वोटरों को लुभाने में सफल हो सकता है, जो मौजूदा सरकारों से असंतुष्ट हैं।
 
विजय का राजनीतिक संदेश विकास और समानता पर केंद्रित है, जिसमें रोजगार सृजन और भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख अहम हैं। उनका यह दृष्टिकोण DMK और AIADMK जैसी पुरानी पार्टियों से अलग है, जो वर्षों से राज्य की राजनीति में हावी हैं।
 
विजय का राजनीतिक उभार तमिलनाडु में DMK और AIADMKजैसी स्थापित पार्टियों के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है। DMK के पास राज्य में व्यापक समर्थन है, लेकिन विजय की पार्टी की बढ़ती लोकप्रियता इसे कमजोर कर सकती है। विशेषकर युवा वर्ग, जो वर्तमान सरकारों से निराश है, विजय को एक नए विकल्प के रूप में देख रहा है। दूसरी ओर, AIADMK, पहले से ही राजनीतिक अस्थिरता का सामना कर रही है। उसके लिए राजनीति में विजय की मौजूदगी ज्यादा चिंताजनक है। 
क्या विजय की पार्टी तमिलनाडु की राजनीति बदल सकती है?
विजय का राजनीति में प्रवेश और उनकी पार्टी TVK का गठन तमिलनाडु की राजनीति में बड़ा बदलाव लाने का संकेत है। विजय की पहली राजनीतिक रैली में लाखों समर्थकों की मौजूदगी यह बताती है कि उनके पास राज्य की पारंपरिक राजनीति को चुनौती देने की क्षमता है। आने वाले चुनावों में यह देखना दिलचस्प होगा कि विजय की पार्टी किस हद अपने मंसूबों में तक सफल होती है और तमिलनाडु की राजनीति के समीकरण कैसे बदलते हैं। माना जा रहा है कि विजय तमिलनाडु में एक नई राजनीति का सूत्रपात कर सकते हैं, जो राज्य के विकास और समानता पर केंद्रित होगी। 

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