अयोध्या में तपस्वी छावनी में धर्म संसद के के दौरान छावनी के महंत जगदगुरु स्वामी परमहंस दास ने ऐलान किया है कि यदि 2 अक्टूबर तक भारत देश को हिंदू राष्ट्र घोषित नहीं किया गया या हिंदू राष्ट्र को लेकर सरकार ने उनसे बातचीत नहीं की तो वह सरयू नदी में जल समाधि ले लेंगे। अपने प्राणों की आहुति दे देंगे।
इस धर्म संसद में देश के अलग-अलग कोने के संत शामिल हुए। सनातन धर्म संसद में भारत देश को हिंदू राष्ट्र घोषित किए जाने की मांग उठी। साथ ही देश में संतों की हो रही हत्या, आत्महत्या जैसे संवेदनशील विषयों पर गंभीरता के साथ चर्चा हुई। स्वामी परमहंस दास ने पीएम नरेंद्र मोदी को संबोधित करते हुए ऐलान किया है कि यदि 2 अक्टूबर तक भारत देश को हिंदू राष्ट्र घोषित नहीं किया गया या हिंदू राष्ट्र को लेकर सरकार ने उनसे बातचीत नहीं की गई तो वह सरयू नदी में जल समाधि ले लेंगे।
स्वामी परमहंस दास ने कहा की हिंदू बहुसंख्यक है तभी तक देश का संविधान और लोकतंत्र सुरक्षित है। उन्होंने मांग की कि तीर्थ स्थलों के 84 कोस की सीमा में मांस और मदिरा को प्रतिबंधित किया जाए। उन्होंने कहा कि देश के पाठ्यक्रमों में मुगल आक्रांता को महान नहीं बताया जाए। भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद सहित अन्य देशभक्तों और शहीदों के बारे में पढ़ाया जाए।
स्वामी परमहंस दास ने कहा कि देश के मठ-मंदिरों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। इसलिए उनकी बिजली और पानी को मुक्त किया जाए और सरकार संतों को एक लाख रुपए मानदेय भी प्रदान किया जाना चाहिए। परमहंस दास ने कहा कि गाय को राष्ट्रमाता घोषित करें और रामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित किया जाना चाहिए। उन्होंने संतों से भी भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने की मुहिम में सहयोग और समर्थन की अपील की।