Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट में फिर टली सुनवाई, अगली तारीख 10 जनवरी...

अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट में फिर टली सुनवाई, अगली तारीख 10 जनवरी...
नई दिल्ली , शुक्रवार, 4 जनवरी 2019 (09:34 IST)
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि उसके द्वारा गठित एक उपयुक्त पीठ राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि मालिकाना विवाद मामले की सुनवाई की तारीख तय करने के लिए 10 जनवरी को आदेश देगी।
 
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एस के कौल की पीठ ने कहा, 'एक उपयुक्त पीठ मामले की सुनवाई की तारीख तय करने के लिए 10 जनवरी को आगे के आदेश देगी।'
 
सुनवाई के लिए मामला सामने आते ही प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि यह राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामला है और इस पर आदेश पारित किया।
 
अलग-अलग पक्षों की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता हरिश साल्वे और राजीव धवन को अपनी बात रखने का कोई मौका नहीं मिला। मामले की सुनवाई 30 सेकेंड भी नहीं चली।

अब अयोध्या भूमि विवाद मामले को आगे ले जाने के लिए तीन सदस्यीय एक पीठ का गठन किया जाएगा। इस मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के वर्ष 2010 के आदेश के खिलाफ 14 याचिकाएं दायर हुई हैं। उच्च न्यायालय ने इस विवाद में दायर चार दीवानी वाद पर अपने फैसले में 2.77 एकड़ भूमि का सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला के बीच समान रूप से बंटवारा करने का आदेश दिया था।
 
इससे पहले 29 अक्तूबर को न्यायालय ने इस मामले को उपयुक्त पीठ के समक्ष जनवरी के प्रथम सप्ताह के लिए सूचीबद्ध किया था। बाद में अखिल भारत हिन्दू महासभा (एबीएचएम) ने एक अर्जी दायर कर सुनवाई की तारीख पहले करने का अनुरोध किया था परंतु न्यायालय ने ऐसा करने से इंकार कर दिया था। न्यायालय ने कहा था कि 29 अक्टूबर को ही इस मामले की सुनवाई के बारे में आदेश पारित किया जा चुका है।
 
अखिल भारत हिन्दू महासभा (एबीएचएम) इस मामले में मूल वादियों में से एक एम सिद्दीक के वारिसों द्वारा दायर अपील में एक प्रतिवादी है।
 
इससे पहले, 27 सितंबर, 2018 को तीन सदस्यीय पीठ ने 2:1 के बहुमत से 1994 के एक फैसले में की गयी टिप्पणी पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ के पास नए सिरे से विचार के लिए भेजने से इनकार कर दिया था। इस फैसले में टिप्पणी की गई थी कि मस्जिद इस्लाम का अभिन्न अंग नहीं है। यह मुद्दा अयोध्या भूमि विवाद की सुनवाई के दौरान उठा था। विभिन्न हिन्दू संगठन विवादित स्थल पर राम मंदिर का यथाशीघ्र निर्माण करने के लिए अध्यादेश लाने की मांग कर रहे हैं।
 
शीर्ष अदालत में शुक्रवार की सुनवाई महत्वपूर्ण मानी जा रही थी क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को ही कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर के मामले में न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही अध्यादेश लाने के बारे में निर्णय का सवाल उठेगा।
 
मोदी की यह टिप्पणी आरएसएस समेत हिंदुत्व संगठनों की तेज होती उस मांग के बीच आई थी कि मंदिर के जल्द से जल्द निर्माण के लिए एक अध्यादेश लाया जाए।
 
हाल ही में प्रधानमंत्री ने भी एक साक्षात्कार में कहा था कि राम मंदिर पर जब तक कानूनी प्रक्रिया चल रही है तब तक अध्यादेश लाने का कोई विचार नहीं है। सरकार अयोध्या में राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करेगी। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

दिल्ली में 15 साल की नाबालिग छात्रा का यौन उत्पीड़न