नई दिल्ली। भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा के खिलाफ पिछले दिनों बगावत करने वाले उच्चतम न्यायालय के चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों को शीर्ष न्यायालय की ओर से सार्वजनिक किए गए नए रोस्टर में अहम मामले आवंटित किए गए हैं।
सीजेआई के आदेश से जारी अधिसूचना शीर्ष न्यायालय की आधिकारिक वेबसाइट पर सार्वजनिक की गई है। इसमें न्यायमूर्ति जे चेलमेश्वर, रंजन गोगोई, एम बी लोकुर और कुरियन जोसेफ की ओर से सुने जाने वाले मामलों का ब्योरा दिया गया है।
बीते 12 जनवरी को न्यायमूर्ति चेलमेश्वर के आवास पर की गई प्रेस कांफ्रेंस में इन चारों वरिष्ठतम न्यायाधीशें ने कई मुद्दे उठाए थे जिसमें शीर्ष न्यायालय में मुकदमों के आवंटन का मामला भी शामिल था। उन्होंने कहा था कि देश की सबसे ऊंची अदालत में कुछ गंभीर समस्याएं हैं।
प्रधान न्यायाधीश मिश्रा ने पांच फरवरी से प्रभावी होने वाली रोस्टर प्रणाली के तहत जनहित याचिका के मामलों को अपने पास रखा है। पहले ‘रोस्टर के मास्टर’ की हैसियत से सीजेआई द्वारा मुकदमों का आवंटन पीठों को किया जाता था।
सीजेआई ने पत्रों पर आधारित याचिकाओं, चुनावी मामलों और अदालत की अवमानना एवं संवैधानिक पदाधिकारियों से जुड़े मामलों को अपनी अध्यक्षता वाली पीठ के पास रखा है।
नए रोस्टर के तहत न्यायमूर्ति चेलमेश्वर की अध्यक्षता वाली पीठ को उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालयों, जिला अदालतों एवं न्यायाधिकरणों के कर्मचारियों एवं न्यायिक अधिकारियों से जुड़े मामलों की सुनवाई सौंपी गई है। उनकी पीठ श्रम, अप्रत्यक्ष कर, भूमि अधिग्रहण, मुआवजा, आपराधिक मामले और उपभोक्ता संरक्षण से जुड़े मुकदमों की भी सुनवाई करेगी।
विशेष सीबीआई अदालत के जज बी एच लोया की मौत से जुड़ी जनहित याचिकाओं के आवंटन पर प्रेस कांफ्रेंस के दौरान चिंता जताने वाले न्यायमूर्ति गोगोई को कंपनी कानून, एमआरटीपी, ट्राई, सेबी, आरबीआई, आपराधिक मामले जैसे मामलों की सुनवाई का जिम्मा सौंपा गया है। (भाषा)