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बाबा रामदेव के पतंजलि योगपीठ को सुप्रीम कोर्ट का झटका

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024 (23:11 IST)
Patanjali Yogpeeth Trust News: बाबा रामदेव के पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट को शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय से झटका लगा। न्यायालय ने अपीलीय न्यायाधिकरण के उस फैसले को बरकरार रखा, जिसमें ट्रस्ट को योग शिविरों के आयोजन के लिए प्रवेश शुल्क लेने पर सेवा कर का भुगतान करने को कहा गया था।
 
न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क और सेवा कर अपीलीय  न्यायाधिकरण (CESTAT) की इलाहाबाद पीठ के 5 अक्टूबर, 2023 को आए फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।
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पीठ ने खारिज की ट्रस्ट की याचिका : पीठ ने ट्रस्ट की अपील खारिज करते हुए कहा कि न्यायाधिकरण ने ठीक ही कहा है कि शुल्क वाले शिविरों में योग करना एक सेवा है। हमें इस आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं मिला। अपील खारिज की जाती है।
 
सीईएसटीएटी ने अपने आदेश में कहा था कि पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट की तरफ से आयोजित आवासीय एवं गैर-आवासीय योग शिविरों में शामिल होने के लिए शुल्क लिया जाता है लिहाजा यह 'स्वास्थ्य और फिटनेस सेवा' की श्रेणी में आता है और इस पर सेवा कर लगेगा।
 
योग गुरु रामदेव और उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण के अधीन काम करने वाला यह ट्रस्ट विभिन्न शिविरों में योग प्रशिक्षण प्रदान करने में लगा हुआ था।
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दान नहीं शुल्क : न्यायाधिकरण ने अपने आदेश में कहा था कि प्रतिभागियों से दान के रूप में योग शिविरों के लिए शुल्क एकत्र किया गया था। हालांकि यह राशि दान के रूप में एकत्र की गई थी, लेकिन यह उक्त सेवाएं प्रदान करने के लिए शुल्क ही था। इसलिए यह शुल्क की परिभाषा के तहत आता है।
 
4.5 करोड़ रुपए की मांग : सीमा शुल्क और केंद्रीय उत्पाद शुल्क, मेरठ रेंज के आयुक्त ने अक्टूबर, 2006 से मार्च, 2011 के लिए जुर्माना और ब्याज सहित लगभग 4.5 करोड़ रुपए के सेवा कर की मांग की थी।
 
इसके जवाब में ट्रस्ट ने दलील दी थी कि वह ऐसी सेवाएं प्रदान कर रहा है, जो बीमारियों के इलाज के लिए हैं। इसमें कहा गया था कि ये सेवाएं ‘स्वास्थ्य और फिटनेस सेवा’ के तहत कर-योग्य नहीं हैं। (भाषा/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala

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