Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

UAPA मामले में सिख अलगाववादी को जमानत देने से SC ने किया इनकार

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
शुक्रवार, 9 फ़रवरी 2024 (06:00 IST)
Sikh separatist denied bail in UAPA case : उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने एक कथित खालिस्तानी अलगाववादी को गुरुवार को जमानत देने से इनकार कर दिया। यह अलगाववादी कथित तौर पर प्रतिबंधित संगठन 'सिख फॉर जस्टिस' का सदस्य है। इस मामले की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) कर रही है।

न्यायालय ने कहा कि रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्री से प्रथम दृष्टया आतंकवादी कृत्य की साजिश में उसकी संलिप्तता का संकेत मिलता है। यह अलगाववादी कथित तौर पर प्रतिबंधित संगठन 'सिख फॉर जस्टिस' का सदस्य है।
 
न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की पीठ ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के मामले में गुरविंदर सिंह उर्फ गुरप्रीत सिंह गोपी को जमानत देने से इनकार करने वाले पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।
ALSO READ: खालिस्तानी-गैंगस्टरों के खिलाफ NIA का बड़ा एक्शन, 7 राज्यों की 53 जगहों पर छापेमारी
इस मामले की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) कर रही है। पीठ ने उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ गुरविंदर सिंह की अपील खारिज करते हुए कहा, हमारा मानना है कि रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्री प्रथम दृष्टया साजिश के एक हिस्से के रूप में आरोपी की संलिप्तता का संकेत देती है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour 

सम्बंधित जानकारी

जरूर पढ़ें

50 बिलियन डॉलर लागत, 9 हजार कमरे, ये है दुनिया की सबसे बड़ी इमारत मुकाब

भाजपा का आरोप, प्रियंका गांधी ने नहीं दिया संपत्ति का पूरा विवरण

चाचा के खिलाफ लड़ना चुनौती, लेकिन मैं चिंतित नहीं : युगेंद्र पवार

कोल्डप्ले और दिलजीत दोसांझ के कॉन्सर्ट के टिकटों की अवैध बिक्री, ED ने मारे 13 जगह छापे

AAP का BJP पर बड़ा आरोप, रच रही है केजरीवाल की हत्या की साजिश

सभी देखें

नवीनतम

हैदराबाद में पटाखा दुकान में भीषण आग, कई वाहन जलकर खाक, मची अफरातफरी

इंदौर में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने खरीदा स्वेटर

दिग्विजय और जीतू पटवारी पर FIR दर्ज, जानिए क्‍या है मामला...

बांद्रा में रेलवे स्टेशन पर भगदड़ को लेकर राहुल गांधी ने केंद्र पर साधा निशाना

लखनऊ के 10 होटलों को बम से उड़ाने की धमकी, 55 हजार डॉलर की मांगी फिरौती

આગળનો લેખ
Show comments