नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के फैसले पर रोक लगाने से इंकार करते हुए शुक्रवार को कहा कि वह इस मुद्दे की जांच करेगा।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के फैसले पर रोक लगाने से इंकार कर दिया।
खंडपीठ ने आरक्षण को चुनौती देने वाली गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘यूथ फॉर इक्वालिटी’ की याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस भी जारी किया है और उससे चार सप्ताह के अंदर जवाब मांगा है।
याचिका में 103वें संविधान संशोधन अधिनियम 2019 को चुनौती दी है, जिसके तहत सरकारी नौकरियों तथा शैक्षणिक संस्थानों में सामान्य वर्ग के कमजोर लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने की व्यवस्था की गई है।