Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

विकास दुबे एनकाउंटर मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

विकास दुबे एनकाउंटर मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
, मंगलवार, 14 जुलाई 2020 (07:19 IST)
नई दिल्ली। कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों के नरसंहार की घटना के मुख्य आरोपी विकास दुबे के एक मुठभेड़ में मारे जाने के मामले को लेकर दायर याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय मंगलवार को सुनवाई करेगा। इनमें वह याचिका भी शामिल है जो विकास दुबे की पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने से कुछ घंटे पहले दायर की गई थी।
 
मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा 10 जुलाई की सवेरे उज्जैन में विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद देर रात ई-मेल के जरिये न्यायालय में एक याचिका दायर कर यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था कि वह मुठभेड़ में नहीं मारा जाये।
 
मप्र पुलिस द्वारा उप्र पुलिस को सौंपे जाने के बाद विकास दुबे कड़ी सुरक्षा के बीच कानपुर लाया जा रहा था लेकिन रास्ते में ही भौंती गांव के निकट कथित मुठभेड़ में वह मारा गया।
 
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ इन याचिकाओं की सुनवाई करेगी। इस याचिका में उन मुठभेड़ों की शीर्ष अदालत की निगरानी में सीबीआई से जांच कराने का अनुरोध किया गया है जिनमे विकास दुबे के कथित 5 सहयोगी मारे गए थे।
 
कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में विकास दुबे को गिरफ्तार करने गई पुलिस की टुकड़ी पर 3 जुलाई को घात लगाकर हुए हमले में पुलिस उपाधीक्षक देवेन्द्र मिश्रा सहित 8 पुलिसकर्मियों की जान गई थी। पुलिस टुकड़ी पर 3 जुलाई को आधी रात के बाद दुबे के मकान की छत से गोलियां बरसाई गइ थीं।
 
पुलिस ने कहा था कि विकास दुबे 10 जुलाई की सुबह उस समय पुलिस मुठभेड़ में मारा गया जब उसे उज्जैन से कानपुर ला रही पुलिस की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई और उसने भौंती इलाके में फरार होने की कोशिश की।
 
कानपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल ने बताया था कि इस दुर्घटना में 4 पुलिसकर्मी भी जख्मी हुए। 
पुलिस का कहना था कि मुठभेड़ में घायल दुबे को तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। दुबे के मुठभेड़ में मारे जाने से पहले अलग अलग मुठभेड़ों में उसके 5 कथित सहयोगी मारे जा चुके थे।
 
दुबे की मुठभेड़ में मौत से कुछ घंटे पहली ही याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता घनश्याम उपाध्याय ने इस गैंगस्टर की सुरक्षा सुनिश्चित करने का उप्र सरकार और पुलिस को निर्देश देने का अनुरोध किया था। उन्होंने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने और न्यायालय की निगरानी में 5 आरोपियों की मुठभेड़ में हत्या की सीबीआई से जांच कराने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया था।
 
बाद में, दिल्ली स्थित अधिवक्ता अनूप प्रकाश अवस्थी और एक अन्य ने भी आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले और बाद में दस जुलाई को विकास दुबे की पुलिस मुठभेड़ में मौत के मामले और उत्तर प्रदेश में पुलिस-अपराधियों और नेताओं की सांठगांठ की जांच में न्यायालय की निगरानी में सीबीआई या एनआईए से इसकी जांच कराने कराने तथा उन पर मुकदमा चलाने का अनुरोध किया है।
 
इसके अलावा, कानपुर में पुलिस की दबिश के बारे में महत्वपूर्ण सूचना विकास दुबे तक पहुंचाने में कथित संदिग्ध भूमिका की वजह से निलंबित पुलिस अधिकारी ने भी अपने संरक्षण के लिए न्यायालय में याचिका दायर की है।
 
पुलिस अधिकारी कृष्ण कुमार शर्मा ने अपनी पत्नी विनीता सिरोही के जरिये यह याचिका दायर की है। इसमें विनीता ने आशंका व्यक्त की है कि उसके पति को गैरकानूनी और असंवैधानिक तरीके से खत्म किया जा सकता है।
 
जनवरी, 2017 से मार्च 2018 के दौरान उप्र में पुलिस मुठभेड़ों की एसआईटी या सीबीआई से जांच के लिये पीयूसीएल ने याचिका दायर की थी। इसी मामले में पीयूसीएल ने अंतरिम आवेदन दायर किया है जिसमें इन मुठभेड़ों तथा अपराधियों एवं नेताओं के बीच सांठगांठ की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एल दल गठित करने का अनुरोध किया है। (भाषा) 

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

कोरोनावायरस Live Updates : दुनियाभर में 5 लाख 73 हजार से ज्यादा लोगों की मौत