Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

सुप्रीम कोर्ट ने दिया ने डीजीपी को शंभू बॉर्डर को लेकर आवश्यक बैठक करने का निर्देश

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
सोमवार, 12 अगस्त 2024 (15:17 IST)
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने शंभू बॉर्डर (Shambhu border) पर राजमार्ग को आंशिक रूप से फिर से खोलने के लिए सोमवार को पंजाब और हरियाणा के पुलिस प्रमुखों को पड़ोसी पटियाला और अंबाला जिलों के पुलिस अधीक्षकों के साथ 1 सप्ताह के भीतर बैठक करने का निर्देश दिया।
 
प्रदर्शनकारी किसान 13 फरवरी से शंभू बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। न्यायालय ने पंजाब सरकार को शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों को सड़क से ट्रैक्टर हटाने के लिए राजी करने को कहा। न्यायालय ने कहा कि राजमार्ग वाहन पार्किंग के लिए नहीं हैं।

ALSO READ: सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा और पंजाब को दिया निर्देश, शंभू बॉर्डर पर यथास्थिति बनाए रखें
 
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भूइयां की पीठ ने एक समिति गठित करने के वास्ते गैर-राजनीतिक नाम सुझाने के लिए पंजाब और हरियाणा सरकारों की भी सराहना की। यह समिति प्रदर्शनकारी किसानों के साथ बैठकें करेगी। पीठ ने कहा कि एम्बुलेंस, आवश्यक सेवाओं, वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं, छात्र-छात्राओं और आसपास के इलाकों के स्थानीय लोगों की आवाजाही के लिए शंभू बॉर्डर पर सड़क को आंशिक रूप से खोलने की आवश्यकता है।
 
पीठ ने कहा कि हम शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों से बातचीत करने के लिए गठित की जाने वाली समिति की शर्तों पर संक्षिप्त आदेश पारित करेंगे। उच्चतम न्यायालय ने पहले पंजाब और हरियाणा सरकारों से कहा था कि वे न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सहित अन्य मांगों को लेकर शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों से संपर्क करने के लिए एक स्वतंत्र समिति गठित करने के वास्ते कुछ तटस्थ व्यक्तियों के नाम सुझाएं। न्यायालय ने कहा था कि किसी को भी स्थिति को बिगाड़ना नहीं चाहिए।

ALSO READ: Farmer Protest : हाईकोर्ट का बड़ा आदेश, 7 दिन में हटाएं शंभू बॉर्डर के अवरोधक
 
शीर्ष अदालत पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती देने वाली हरियाणा सरकार की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें राज्य सरकार को 1 सप्ताह के भीतर अंबाला के पास शंभू बॉर्डर पर अवरोधक हटाने के लिए कहा गया था, जहां प्रदर्शनकारी किसान 13 फरवरी से डेरा डाले हुए हैं।
 
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों के समर्थन में दिल्ली कूच करने की घोषणा की थी जिसके बाद हरियाणा सरकार ने फरवरी में अंबाला-नई दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर अवरोधक लगा दिए थे।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

सम्बंधित जानकारी

जरूर पढ़ें

50 बिलियन डॉलर लागत, 9 हजार कमरे, ये है दुनिया की सबसे बड़ी इमारत मुकाब

भाजपा का आरोप, प्रियंका गांधी ने नहीं दिया संपत्ति का पूरा विवरण

चाचा के खिलाफ लड़ना चुनौती, लेकिन मैं चिंतित नहीं : युगेंद्र पवार

कोल्डप्ले और दिलजीत दोसांझ के कॉन्सर्ट के टिकटों की अवैध बिक्री, ED ने मारे 13 जगह छापे

AAP का BJP पर बड़ा आरोप, रच रही है केजरीवाल की हत्या की साजिश

सभी देखें

नवीनतम

अमेरिका ने अवैध रूप से रह रहे भारतीयों को निकाला, विशेष विमान से कराई वतन वापसी

बॉक्सर स्नेहा वर्मा ने इंदौर के नाम रोशन किया

CJI चंद्रचूड़ बोले- वकीलों को युवाओं को उचित वेतन देना सीखना चाहिए

आईआईटियन्स ने वैश्विक स्तर पर बनाई अपनी विशेष पहचान- राष्ट्रपति

सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से कहा, फर्जी बम धमकियों की सूचना को तत्काल हटाएं

આગળનો લેખ
Show comments