Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

यौन अपराध : पॉक्सो कानून के तहत बरी हुए व्‍यक्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

Webdunia
बुधवार, 27 जनवरी 2021 (16:33 IST)
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को बंबई उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसके जरिए ‘यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण’ (पॉक्सो) कानून के तहत एक व्यक्ति को यह कहते हुए बरी कर दिया गया था कि बच्ची के शरीर को उसके कपड़ों के ऊपर से स्पर्श करने को यौन उत्पीड़न नहीं कहा जा सकता।

प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना तथा न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यम की पीठ ने अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल द्वारा यह विषय पेश किए जाने के बाद उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी। शीर्ष न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार को नोटिस भी जारी किया और अटार्नी जनरल को बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ के 19 जनवरी के फैसले के खिलाफ अपील दायर करने की अनुमति दी।

उच्च न्यायालय के फैसले में यह भी कहा गया था कि नाबालिग के शरीर को कपड़ों के ऊपर से गलत इरादे से स्पर्श करने को यौन उत्पीड़न नहीं कहा जा सकता, जैसा कि पॉक्सो कानून के तहत परिभाषित किया गया है।

गौरतलब है कि 19 जनवरी को उच्च न्यायालय ने कहा था कि चूंकि व्यक्ति ने बच्ची के शरीर को उसके कपड़े हटाए बिना स्पर्श किया था, इसलिए उसे यौन उत्पीड़न नहीं कहा जा सकता। इसके बजाय यह भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 के तहत महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने का अपराध बनता है।

उच्च न्यायालय ने एक सत्र अदालत के आदेश में संशोधन किया था, जिसमें 39 वर्षीय व्यक्ति को 12 साल की लड़की का यौन उत्पीड़न करने को लेकर तीन साल कैद की सजा सुनाई गई थी। उल्लेखनीय है कि आईपीसी की धारा 354 के तहत न्यूनतम एक साल की कैद की सजा का प्रावधान है, जबकि पॉक्सो कानून के तहत यौन उत्पीड़न के मामले में तीन साल की कैद की सजा का प्रावधान है।

अदालत में अभियोजन की दलीलों और बच्ची के बयान के मुताबिक दिसंबर 2016 में यह घटना हुई थी, जब नागपुर में सतीश नाम का आरोपी पीड़िता को कुछ खाने के लिए देने के बहाने अपने घर ले गया था।

उच्च न्यायालय ने कहा था, अपराध (यौन उत्पीड़न) के लिए सजा की कठोर प्रकृति (पॉक्सो के तहत) पर विचार करते हुए इस अदालत का मानना है कि कहीं अधिक ठोस सबूत और गंभीर आरोपों की जरूरत है।(भाषा)

सम्बंधित जानकारी

जरूर पढ़ें

महाराष्ट्र चुनाव : NCP शरद की पहली लिस्ट जारी, अजित पवार के खिलाफ बारामती से भतीजे को टिकट

कबाड़ से केंद्र सरकार बनी मालामाल, 12 लाख फाइलों को बेच कमाए 100 करोड़ रुपए

Yuvraj Singh की कैंसर से जुड़ी संस्था के पोस्टर पर क्यों शुरू हुआ बवाल, संतरा कहे जाने पर छिड़ा विवाद

उमर अब्दुल्ला ने PM मोदी और गृहमंत्री शाह से की मुलाकात, जानिए किन मुद्दों पर हुई चर्चा...

सिख दंगों के आरोपियों को बरी करने के फैसले को चुनौती, HC ने कहा बहुत देर हो गई, अब इजाजत नहीं

सभी देखें

नवीनतम

live : तट से टकराया चक्रवात दाना, ओडिशा और बंगाल में भारी बारिश, भद्रक में तबाही

उत्तरकाशी में मस्जिद को लेकर बवाल, हिंदू संगठनों का प्रदर्शन, पुलिस ने किया लाठीचार्ज, 27 लोग घायल

Maharashtra : पुणे में पानी की टंकी गिरी, 5 श्रमिकों की मौत, 5 अन्य घायल

Cyclone Dana : चक्रवात दाना पर ISRO की नजर, जानिए क्या है अपडेट, कैसी है राज्यों की तैयारियां

भारत के 51वें CJI होंगे जस्टिस संजीव खन्ना, 11 नवंबर को लेंगे शपथ

આગળનો લેખ