Driving licence : सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार से पूछा कि हल्के मोटर वाहन के लिए ड्राइविंग लाइसेंस रखने वाला व्यक्ति कानूनी रूप से एक विशेष वजन के वाहन चलाने का हकदार है या नहीं, क्या इस कानूनी सवाल पर कानून में बदलाव की आवश्यकता है।
यह देखते हुए कि ये लाखों लोगों की आजीविका को प्रभावित करने वाले नीतिगत मुद्दे हैं, प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 5 न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा कि सरकार को इस मामले पर नए सिरे से विचार करने की जरूरत है। साथ ही पीठ ने कहा कि इसे नीतिगत स्तर पर उठाने की जरूरत है।
शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार से कहा कि वह दो महीने में इस प्रक्रिया को पूरा करे और निर्णय से उसे अवगत कराए।
अदालत ने कहा कि कानून की किसी भी व्याख्या में सड़क सुरक्षा और सार्वजनिक परिवहन के अन्य उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा की वैध चिंताओं को ध्यान में रखा जाना चाहिए।
संविधान पीठ एक कानूनी प्रश्न पर विचार कर रही है कि क्या 'हल्के मोटर वाहन' का ड्राइविंग लाइसेंस रखने वाला व्यक्ति उस लाइसेंस के आधार पर हल्के मोटर वाहन श्रेणी के परिवहन वाहन को चलाने का हकदार हो सकता है, जिसका वजन बिना सामान लदे 7,500 किलोग्राम से अधिक न हो?
संविधान पीठ ने 18 जुलाई को कानूनी सवाल के संबंध में 76 याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की थी। (भाषा)